शुक्रवार, 2 नवंबर 2007

शनिश्चर के स्वर

कई बरस पहले जोडी फ़ोस्टर की एक फ़िल्म आई थी मशहूर साई-फ़ाई लेखक कार्ल सागान की किताब पर आधारित- कॉन्टैक्ट। फ़िल्म में जोडी दूरस्थ तारों-ग्रहों से आती आवाज़ों का अध्ययन करती हैं। आज सचमुच वैसा ही कुछ हो रहा है- शनि और उसके उपग्रहों से आते स्वर को सुनना चाहेंगे आप? अगर हाँ तो क्लिक कीजिये नासा द्वारा उपलब्ध कराए गए इस सनसनीखेज़ लिंक पर।


अन्धविश्वासी कमज़ोर हृदय वाले बन्धु जो शनि का नाम सुनते ही काँपने लगते हैं, को मेरी सलाह नहा लेने की होगी दिन भर के मौन व्रत के बाद.. :)

2 टिप्‍पणियां:

इष्ट देव सांकृत्यायन ने कहा…

अरे का महराज! आपने किसी बाबे-वाबे से कुछ लिया नहीं न है! सनीचर का नम्वे सुन के हवा गम हो जाती है और आप अवाजो सुनाएंगे? देस की जनता पर रहम करिये भाई.

अनिल रघुराज ने कहा…

अद्भुत ध्वनियां हैं। वैसे घर पर कांच की खिड़की थोड़ी खुली रह गई थी तो उससे टकराकर आती हवा भी गजब की सूं-सू कर रही थी। मैंने सोचा यहां हवा कितनी भयंकर चल रही है. लेकिन खिड़की खोली तो आवाज गायब हो गई। फिर एक रोमांच की झुरझुरी का आनंद तो ले ही लिया।

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