देखिये कन्ज़्यूमर्स इन्टरनेशनल ने आज क्या उदघाटित किया है- दवा कम्पनियाँ डाक्टर्स को एयर कन्डीशनर्स, लैपटॉप्स, क्लब मेम्बरशिप, नई चमचमाती कारें, यहाँ तक कि बच्चों के स्कूल की फ़ीस की रिश्वत देकर अपनी बिक्री में इज़ाफ़ा कर रही हैं। ये सारी पोल पट्टी उनके द्वारा प्रकाशित एक रपट, ‘ड्रग्स, डॉक्टर्स और डिनर्स’ में खोली गई है।
इस चार्ट के अनुसार जो हर स्वस्थ-अस्वस्थ आदमी बीकोसूल, लिव-५२, डाइजीन, ग्लूकॉन डी और रिवायटल गटके जा रहा है, वह नितान्त ठगी है और कुछ नहीं। अरे भाई, अब तो बन्द करो बीकॉसूल खाना.. और ज़ोर से बोलो जय बाबा रामदेव!
5 टिप्पणियां:
भैया, विटामिन तो अन्य दवाओं के साथ डाक्टर ने प्रेस्क्राइब किये हैं। मिलते भी रेलवे अस्पताल से हैं। जब तक टेंट से पैसे नहीं जाते, तब तक तो गटकेंगे।
अम्मा हमारी खरीद कर खाती हैं - उनको बताता हूं।
ये सब खाना बंद! शुरुआत् बीकशूल् से।
बात तो सही कही है चलो आज से ही बंद...
आज तक कोई विटामिन नहीं खाई...खाना पड़ा तो सोचूँगा...
हम तो ये सब नहीं खाते जी. वो बाजरे वाली डाइट तो बताइये..क्या क्या खाते हैं ..हमें भी आपकी तरह स्मार्ट होना है जी.
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