गुरुवार, 29 नवंबर 2007

गूगल का स्काई

विन्डोज़ ९८ के दिनों से ही मैं ऐसे कई सॉफ़्टवेयर अपने कॅम्प्यूटर पर इन्स्टॉल करता रहा हूँ जो आकाश के अन्तहीन प्रसार में कोई खिड़की खोलते हों.. इस श्रंखला में आखिरी सॉफ़्टवेयर था स्टेलैरियम.. पर अब से इन सब की शायद कोई ज़रूरत नहीं पड़ेगी.. गूगल अर्थ ने एक नया फ़ीचर प्रस्तुत किया है स्काई.. जो दूरबीन को पृथ्वी से हटा कर आकाश की ओर पलट देता है... और फिर आप देख सकते हैं अपने सौर मण्डल के ग्रह उपग्रहो के अलावा अनन्त आकाश में मौजूद अनोखे ब्रह्माण्ड.. विस्मय और अद्भुत के संसार में विचरते रहिये जी भर के..

यहाँ देखिये इस फ़ीचर के बारे में गूगल की एक परिचयात्मक फ़िल्म..


11 टिप्‍पणियां:

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

बचपन में यह रहा होता तो रेल हांकने की बजाय मैं खगोलशास्त्री बना होता!

अभय तिवारी ने कहा…

अभी भी चान्स है ज्ञान भाई..

काकेश ने कहा…

धन्यवाद जानकारी के लिये. गूगल अर्थ तो इस्तेमाल करता हूँ अब स्काई भी करुंगा. खगोलशास्त्री तो नही बनना पर मजा तो आयेगा ना.

आपको एक मेल भेजा था फारसी के लिये.आज फिर भेज रहा हूँ.

बालकिशन ने कहा…

बहुत अच्छी जानकारी है. गुगल अर्थ तो मैंने प्रयोग किया है पर स्काई का प्रयोग अब करूँगा. आपको धन्यवाद.

azdak ने कहा…

शुक्रिया.. टाईम खराब कराने का एक और हाथ में पकड़ाने के लिए..!

ललित ने कहा…

धरती के गर्भ के रहस्य उजागर करनेवाले चित्र देनेवाले उपग्रह एक्सरे-स्कैनिंग कैमरे भी कार्यरत हैं, क्या गूगल इन्हें भी खरीदनेवाला है? और लोगों को मुफ्त ये सुविधा भी उपलब्ध कराएगा?

Vikash ने कहा…

मेरे ब्लोग पर आते रहते तो पहले ही इन्स्टाल कर चुके होते. महीनों पहले मैंने अपने ब्लोग पर इसके बारे मे लिखा था. :)

http://vikashkablog.blogspot.com/2007/09/tumhe.html

मीनाक्षी ने कहा…

अभय जी , आपने गूगल के स्काई में अंतरिक्ष की सैर का रास्ता बता दिया.... होर्स हेड नेबुला और स्टार क़्वीन नेबुला की सुन्दरता देख कर तो हम मुग्ध हो गए...!
बहुत बहुत धन्यवाद !

मनीषा पांडे ने कहा…

बढि़या जानकारी अभय। अभी तक तो गूगल अर्थ में अपना और अपने पड़ोसियों का घर ढूंढने में ही उलझी रहती थी। अब अंतरिक्ष की भी सैर करूंगी।

Yunus Khan ने कहा…

भई हमें आपका ये शौक़ मालूम ही नहीं था । ऐसा है अभय भाई कि कंप्‍यूटर की खिड़की से आसमान में झांकना छोडि़ये और असली दूरबीन से देखिए ना । हमारे एक मित्र हैं, मुंबई के वरिष्‍ठ खगोल विज्ञानी हैं, डॉ जे जे रावल । वो एक इंडियन प्‍लेनेटरी सोसाईटी चलाते हैं । आपकी रूचि हो तो इसके सदस्‍य बन जाईये । आसमान में होने वाली हर महत्‍त्‍वपूर्ण घटना को अपनी आंखों से देखिए ।
कहिए हमारा ये सॉफ्टवेयर कैसा लगा आपको ।

Sagar Chand Nahar ने कहा…

बहुत बढ़िया... समय बरबाद करने का एक और तरीका आपने बता दिया। अब टिप्पणीयां कम दिखने लगे तो दोष अपने आप को ही दीजियेगा।
:)

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