मैं इस किताब को नहीं ख़रीदूँगा। मुझे वो नमूने भी नहीं पढ़ने जो आपने यहाँ डाले हुए हैं। कारण, आपने बताया कि इन अनुवादों में आपने अंग्रेज़ी अनुवाद की भी मदद ली है। यह मुझे स्वीकार्य नहीं है।
मैं आपसे प्यार करता हूँ। अगर आपने फ़ारसी में और काम करना चाहते हैं तो मुझे इंतिज़ार है जब तक आप फ़ारसी में महारत नहीं पा लेते। शिक्षा पाकर तब फ़ारसी के नए लेखकों का अनुवाद कीजिएगा, ऐसी रचनाएँ जिनका अंग्रेज़ी में तर्जुमा नहीं हुआ हो। और अगर आप ऐसा नहीं भी चाहते तो कोई बात नहीं, मैं समझता हूँ कि आप हैं तो यायावर ही, तिसपर साधनों का टोटा भी हो सकता है।
वैसे, जेएनयू के अख़लाक़ अहमद 'आहन' फ़ारसी और पश्तो भाषाओं से सीधे हिंदी में अनुवाद करते हैं।
11 टिप्पणियां:
बधाई भाई...जै जै आपकी
मुबारक हो, मुबारक हो ...... मिठाई और प्रति तैयार रखिये .... आता हूँ |
बधाई।
खुशी झलक रही है। दाढ़ी की ओट से।
बहुत बधाई लेकिन ई का हाल बना रखा है........
मैं इस किताब को नहीं ख़रीदूँगा। मुझे वो नमूने भी नहीं पढ़ने जो आपने यहाँ डाले हुए हैं। कारण, आपने बताया कि इन अनुवादों में आपने अंग्रेज़ी अनुवाद की भी मदद ली है। यह मुझे स्वीकार्य नहीं है।
मैं आपसे प्यार करता हूँ। अगर आपने फ़ारसी में और काम करना चाहते हैं तो मुझे इंतिज़ार है जब तक आप फ़ारसी में महारत नहीं पा लेते। शिक्षा पाकर तब फ़ारसी के नए लेखकों का अनुवाद कीजिएगा, ऐसी रचनाएँ जिनका अंग्रेज़ी में तर्जुमा नहीं हुआ हो। और अगर आप ऐसा नहीं भी चाहते तो कोई बात नहीं, मैं समझता हूँ कि आप हैं तो यायावर ही, तिसपर साधनों का टोटा भी हो सकता है।
वैसे, जेएनयू के अख़लाक़ अहमद 'आहन' फ़ारसी और पश्तो भाषाओं से सीधे हिंदी में अनुवाद करते हैं।
सभी दोस्तों का बहुत शुक्रिया!
meri bhi badhaiyan kabul karein bhai sahab.....
हार्दिक बधाई!
हार्दिक बधाई।
बधाई भैया ! ई कौन भेस बनाए हौ , हियाँ जे.एन.यू. मा ई भेस
लोग छोडै लगे हैं और आप ! ....
कितबिया कहाँ से लहियायी भैया ?
हमारी भी बधाई स्वीकार हो
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