निर्मल-आनन्द
गुरुवार, 26 सितंबर 2013
अहंकारहीन क्षणों में ही वो मिलता है
अंधकार में मिलता है। अकेले मिलता है।
कोई साथ जा ही नहीं सकता।
आप ख़ुद भी नहीं जा सकते।
ख़ुदी छोड़कर जाना पड़ता है। बेख़ुदी में मिलता है।
वहाँ बस वही मिलता है।
***
3 टिप्पणियां:
प्रवीण पाण्डेय
ने कहा…
गहराई
26 सितंबर 2013 को 12:51 pm
Smart Indian
ने कहा…
वाह
27 सितंबर 2013 को 7:06 pm
Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून
ने कहा…
:-)
27 सितंबर 2013 को 8:01 pm
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3 टिप्पणियां:
गहराई
वाह
:-)
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