गुरुवार, 12 अप्रैल 2007

भाई हम माफ़ी चाह्ते हैं..

भाई हम माफ़ी चाह्ते हैं.. हम्से गल्ती हुई है.. सभी बड़े लोग मुझे माफ़ करें छोटा समझ कर.. और छोटे लोग इस ख्याल को अपने मन में भी न लायें कि हम गल्ती करके बड़े होने के बावजूद उनसे माफ़ी माँग लेंगे.. ये हमारी परम्परा के विरुद्ध है.. गल्ती ये हुई है कि हम्ने अपने आप को भैया कहा.. खुद के हिन्दू न होने के उप्पर इत्ता सब उपदेस दिया कि हम बाहर वालों के दिये नाम से खुद को नहीं बुलायेंगे.. और पहल्वीं लाइन में लिक्खे हैं.. बड़े गर्व से कि हम भैया हैं.. अब वो बात अलग कि हमें घर में सब लोग भैया कहके बुलाते हैं सबसे छोटे हैं फिर भी.. अब.. कान्पुर साइड में ऐसै चल्ता है.. मगर मुम्बई में हम सब यूपी वालों को मराठी गुजराती पंजाबी सब लोग भैया कह के बुलाते हैं.. और गाली टैप का लगता है.. ऐ भैया है क्या.. और देखिये वही बाहर वाला गालीनुमा नाम हम कैसे अपने ऊप्पर ओढ़ लिये.. अंग्रेज़ी में ठीक ही कहा है कि गल्ती करना इंसानी सुभाव है..

हमारा एक ठो प्रस्ताव है.. जैसे बॉम्बे का नाम बदल कर मुम्बई किया गया है.. कलकत्ता का नाम बदल कर कोलकाता किया गया है..उसी तरज पर हम लोगो को चहिये कि हिन्दू का नाम बदल कर गंगू किया जाय.. टिप्पणी कर के सिगनेचर कैम्पेन में सहयोग कीजिये..

4 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

chunki ganga meli thi dher sare gangu sindhu bhag gaye,vahan hindu ka paani peeker phir se paak huve

अफ़लातून ने कहा…

क्या बात है ! अभयजी ।

बेनामी ने कहा…

आपके प्रस्‍ताव में मेरी भी सहमति है।

बेनामी ने कहा…

अभय, हस्‍ताक्षर सूची में एक मेरा भी नाम जोड़ लीजिए।
मनीषा

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