मंगलवार, 11 दिसंबर 2007

समीर भाई को साधुवाद!

पिछले दिनों समीर भाई की उड़नतश्तरी मुम्बई में उतरी.. और समीर भाई के साधुवाद का साक्षात दर्शन और आभार प्रदर्शन करने के लिए मुम्बई के सारे ब्लॉगर उमड़ पड़े.. पहले ये आयोजन अनीता जी के घर पर होना था.. जो ठाणे की खाड़ी के उस पार है। मगर आखिरी मौके पर बोधि भाई ने इसे ठाणे की खाड़ी के इसी पार, आरे की झील पर, खींच लिया.. हम इस पर अफ़सोस करते रहे कि अनीता जी हम सब की मेहमाननवाज़ी से और हम सब उनकी मेज़बानी से वंचित हो गए पर अन्दर ही अन्दर हम इस स्थान परिवर्तन से प्रसन्न भी रहे ये जो कि सबसे पास हमारे घर से ही था।

शशि जी ने समीर भाई को ले आने की ज़िम्मेदारी स्वतः उठा ली थी और बखूबी निभाई.. ये अलग बात है कि लोग बाद में देर तक इस पर हैरान होते रहे कि समीर भाई को लाने की ज़िम्मेदारी को उन्होने उठाया कैसे !

मैं तो सबसे पहले पहुँच ही गया था.. मेरे बाद आए अनिल भाई और प्रमोद भाई.. अनिल भाई ने ज़ुल्फ़ें कटवा कर एक नया स्टाइल अपनाया है.. सोचिये वे आप को किस की याद दिला रहे हैं.. समय पर किसी को न आता देख प्रमोद भाई ने फ़ैसला किया कि वे चमकती धूप में नौका विहार का आनन्द लेंगे.. मैं इस आनन्द का पान करने से एकदम पीछे हट गया.. जलराशि मेरे भीतर गहरा डर उपजाती है.. अनिल भाई और प्रमोद भाई ने इस आनन्द में साझेदारी की.. ये बात अलग है कि वे बाद में इसे वे पैर का दर्द का नाम देते रहे.

ये दोनों पुराने मित्र अभी नौकारूढ़ ही थे कि समीर भाई का आगमन हुआ.. उन्हे देख कर लगा ही नहीं कि पहली बार मुलाक़ात हो रही है..लगा किसी पुराने मित्र से बड़े दिनों बाद मिलना हो रहा है.. धीरे-धीरे सभी लोग आ गए.. हर्षवर्धन आ गए.. युनुस के साथ बोधि जी भी आ गए जो काफ़ी देर तक मुझे उल्लू बनाते रहे कि वे नहीं आ पा रहे हैं.. आभा फिर भी नहीं आईं.. ये मलाल रह गया.. समीर भाई अपने कनाडा के जीवन के विषय में बताते रहे.. सब उनके विशाल हृदय कोमल व्यक्तित्व और उदार जीवन मूल्यों के प्रति उत्सुक थे.. बात होती रही..
जब विकास और विमल भाई भी आ गए तो हम ने जगह बदलने की क़वायद की.. दूसरी जगह थोड़ी सी ऊँचाई पर स्थित थी.. इस जगह का नाम रखा गया है छोटा काश्मीर.. डल लेक तो देख ली थी.. अब पहाड़ भी देखने थे.. तो हम चले पहाड़ों की शरण में..
शशि जी ने देर से आने की भरपाई करने का जो वादा किया था वो कचौड़ी/ लिट्टी की शक्ल में झोले से निकाला और प्लास्टिक की प्लेट में सब के आगे वितरित कर दिया.. प्रमोद जी वितरण की इस कृपणता से खुश नहीं रहे.. जिसमें सब के हिस्से एक ही एक लिट्टी आई और जो एक बची हुई थी वो बोधिसत्त्व ने हथिया ली..
बातें जारी थीं.. फिर किसी ने अचानक यह शिकायत की कि समीर भाई के सानिध्य को घंटे भर से ऊपर हुआ जाता है और अभी तक किसी ने साधुवाद नहीं दिया.. यह कहते ही पूरा छोटा काश्मीर साधुवाद के घोष से गूँज उठा.. और वहाँ बैठे सभी लोगों को विश्वास हो गया है कि समीर भाई के रहते साधुवाद के युग का अंत हो ही नहीं सकता..
इसके बाद तमाम असाधुवादी बातों की चर्चा भी हम ने की मगर उन्हे असंसदीय क़रार दिया गया.. और फिर मोमबत्ती की लौ पर हाथ रखकर सबने कसम खाई कि वहाँ मौजूद कोई भी ब्लॉगर अपनी ब्लॉगर मिलन रपट में उन बातों का ज़िक्र नहीं करेगा.. यह अविस्मरणीय तस्वीर भी इसी कारण से सेंसर हो गई..

इस तरह सब की हथेलियों में गरमी आ जाने के बाद लोगों के हाथों में कुछ खुजली से होने लगी.. और सब एक दूसरे की तस्वीर खींचने में व्यस्त हो गए..

भाई हर्षवर्धन की खुजली फिर भी शांत न हुई तो वे हाथ मलते हुए उठे और सबसे हाथ मिला कर विदाई का लग्गा लगाया.. वे विदा हुए फिर मिलने के वादे के बाद.. ये एहसास होते ही कि अब विदाई का क्षण नज़दीक है एक सामूहिक तस्वीर खींची गई..

बाहर निकल कर एक चाय और पी गई और फिर चलते चलते समीर भाई ने बताया कि हो सकता है कनाडा लौटने के पहले एक बार फिर उनकी उड़न तश्तरी यहाँ लैंड करे.. हम इस बात पर उन्हे अनेकों आभार और ढेरों साधुवाद देते हैं.. साधुवाद! साधुवाद!! साधुवाद!!!

(सबसे नीचे की सामूहिक तस्वीर में बाएं से दाएं: अनीताजी, युनुस, समीर भाई, बोधिसत्व, प्रमोद भाई, विकास, अनिल भाई, शशि सिंह और विमल भाई।
उसके ठीक ऊपर की तस्वीर में कत्थई कमीज़ में हर्षवर्धन)

39 टिप्‍पणियां:

संजय बेंगाणी ने कहा…

साधूवाद...


तस्वीरें साझा करने के लिए.


तस्वीरों के साथ पात्र परिचय भी हो जाता तो क्या बात थी!


वैसे साधूवाद.

Yunus Khan ने कहा…

जे हुई ना बात । अब हमें समझ आई कि कैमेरा तिरछा करके । खुद आड़ी तिरछी मुद्राएं बनाके आप कर क्‍या रहे थे । साधुवाद साधुवाद साधुवाद । छा गये । अच्‍छा है । बढि़या है । और लिखें । लिखते रहें । हम पढ़ रहे हैं । जारी रखें । बधाई हो । शुक्रिया
। धन्‍यवाद । बस बस अब थक गए ।

azdak ने कहा…

साधु.. कौन वात्? यहां सरेआम उसकी चर्चा उचित है?

बालकिशन ने कहा…

ब्लोगेरस मिलन कि बहुत से बातें और तस्वीरें हमसे शेयर करने के लिए आपको भी साधुवाद.
पर ये क्या कि आपने और रघुराज जी दोनों ने एक उत्सुकता मन मे छोड़ दी हमारे.
ये अच्छी बात नही है.

VIMAL VERMA ने कहा…

साधुवाद मित्र,जिन बातों को असंसदीय मान लिया गया था फिर भी आप कुछ असंसदीय बात का ज़िक्र करके मर्यादा का उल्लंघन किया है, आपने सबकी फ़ोटो अच्छी खीची है, इसलिये बक्श रहा हूं वरना ........ !!!!समीर जी से मिलना हो गया, अहा अहा मिलके मन पुलकित है .........साधुवाद...साधुवाद...साधुवाद !!

SHASHI SINGH ने कहा…

खाते-पीते घर का होते हुये भी मेरे द्वारा समीरलालजी को उठा लाने की बात पर तो कोई भी बिना गुदगुदी के ही हंस देगा (ये हंसी समीर भाई की बुलंदी के सम्मान में)। दरअसल हम तो उन्हें किसी तरह घेर-घार के आपके सम्मुख पेश करने में सफल रहे... इसके लिए नि:संदेह हम बधाई के पात्र हैं...

Sanjeet Tripathi ने कहा…

साधुवाद!!!

ghughutibasuti ने कहा…

उड़नतश्तरी आपके शहर में उतरी और आप सबने मिलकर आनन्द उठाया व कुछ असंसदीय बातें भी कीं , बधाई । फोटो व लेख अच्छा लगा ।
घुघूती बासूती

अजित वडनेरकर ने कहा…

आप साधुवाद के पात्र हैं....

Sanjay Tiwari ने कहा…

उड़न तश्तरी का अगला पड़ाव कहां है?

राजीव जैन ने कहा…

ब्‍लागर्स मीट शेयर करने के लिए आभार

वैसे समीरलालजी कब तक भारत भ्रमण पर हैं। वे जब तक टिपियाते नहीं ब्‍लॉग अधूरा सा लगता है। जरा पता हो तो बताइये कि उनकी उडन तश्‍तरी कब आ रही है।

अनिल रघुराज ने कहा…

इतनी शानदार तस्वीरें कि मैंने इनमें से एक को उठाकर पोस्ट बना डाली। दिलकश नजारों के बीच शानदार ब्योरा मिल गया। हर लम्हा कैमरे और शब्दों में कैद...

कंचन सिंह चौहान ने कहा…

ये हर रिपोर्ट मे जो बात कह कर भी नही कही जा रही है वो बड़ा परेशान कर रही है। समीर जी से मिलाने का शुक्रिया।

नीलिमा सुखीजा अरोड़ा ने कहा…

इस ब्लाग के लिए आपको भी साधुवाद।
:-)

ALOK PURANIK ने कहा…

ये वाली झील तो हमने भी देखी है। बहुत मजे की है। और जी न बतायें आप असंसदीय बातें, पर चार ब्लागरों ने ईमेल कर दिया है हमें। पर हम भी गोपनीयता की शपथ से बंधे हैं। गोपनीयता की शपथ से बंधे-बंधे सारी कार्यवाही एकाध दिन में ओपन हुई जाती है। गोपन कुछ भी नहीं है।

mamta ने कहा…

इतनी अच्छी पोस्ट और फोटो के लिए धन्यवाद।

अनूप शुक्ल ने कहा…

बढ़िया विवरण। धांसू फोटो। संसद में आजकल जैसी खराब-खराब हरकतें होती हैं उससे तो अच्छा ही लगा कि आप लोगों ने मुंबई में ससंदीय हरकतें की। अच्छे ब्लागरों से यही आशा थी। लेकिन बताने में संकोच कैसा? सत्कर्मों का प्रचार भी करना चाहिये।

Batangad ने कहा…

सर
खुजली तो रह ही गई है। बहुत सी बातें हो नहीं पाईं। शायद अगली किसी मुलाकात में संभव हो सकें। मैं हफ्ते भर से गुजरात चुनाव की कवरेज में था सीधा ही भागकर आया था। अगली बार की मुलाकात में खुजली शांत करके लौटने का प्रयत्न करूंगा। खुजली अभी भी हो रही है।

बोधिसत्व ने कहा…

भाई फोटो में भेदभाव क्यों? मेरा क्लोज़प क्यों नहीं हैं? जिन दाँतों की इतनी चर्चा हुई, आँखों को जो काजल आप को लगता रहा वो आप की पोस्ट में क्यों नहीं दिख रहा है? एक बाटी पर इतनी बदनामी.. क्या करूँ? स्वाद से हारा हूँ!

Manish Kumar ने कहा…

shukriya is rapat ke liye...

mehek ने कहा…

shandar meeting vivaran.dhanyawad.

उन्मुक्त ने कहा…

सबसे मिल कर अचअचा लगा।

Rachna Singh ने कहा…

april fool post repeated

पंकज बेंगाणी ने कहा…

अंतिम तस्वीर में पीछे का दृश्य मनोहारी है

"अर्श" ने कहा…

aap sabhi ko khub badhaaee...


arsh

अफ़लातून ने कहा…

वार्ता के 'पतनशील' पहलू पर तो रोक नहीं थी ? फिर?

नीरज गोस्वामी ने कहा…

मुंबई में ब्लोगर मीट और हमें खबर तक नहीं....ये बहुत बेईन्साफ़ी है ठाकुर.... फिर भी कलेजे पे पत्थर रख कर हमने रीपोर्ट पढ़ी और फोटो देखी साथ ही हम क्यूँ न हुए का गीत भी गाते रहे...
नीरज

Ashok Pandey ने कहा…

ब्‍लॉगर मिलन के इस विवरण और तस्‍वीरों को साझा करने के लिए हमारी ओर से भी साधुवाद। आप सबों को एक साथ देखकर बहुत अच्‍छा लगा।

Udan Tashtari ने कहा…

अरे महाराज, १ अप्रेल को पिटवा दिये. बम्बई से फोन आ रहे हैं कि आये और हमसे बिना मिले सटक लिए. किस किस को डेट पढ़वाऊँ?? :)

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

तस्वीरें बहुत सुंदर हैं, दिखाने को साधुवाद!

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` ने कहा…

बहुत अच्छा लगा अप सब मिल लिये और हमेँ भी मिलने का अहसास हुआ -
- लावण्या

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

achchaa laga.

Arvind Mishra ने कहा…

वाह कैम्राडेरी !

बवाल ने कहा…

कितने बेकार हो यार निर्मल आनंद भाई। गुज़रे ज़मानों की बातें करके अप्रैल गिल खिला रहे हो। हा हा ।

संगीता पुरी ने कहा…

इतनी देर बाद बात समझ में आयी ... पुराने चित्र हैं ... मैं परेशान थी ... ब्‍लागर मीट हुआ नहीं तो पिक्‍चर कहां से आयी।

Anil Pusadkar ने कहा…

वाह्।

ravishndtv ने कहा…

पता नहीं मुझे कुछ जलन सी हो रही है। इस आग में जलकर सोना तो नहीं हो रहा लेकिन खाक हो रहा

PD ने कहा…

साधूवाद...साधूवाद...साधूवाद...:)

pallavi trivedi ने कहा…

इतने सारे ब्लोगर मिले और इतनी छोटी रिपोर्ट...नाइंसाफी है ये तो!

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