पिछले दिनों भाई बोधिसत्व दिल्ली के पुस्तक मेले से लौटे तो मेरे लिए भी कुछ लाए और कुछ तमाम कोशिशों के बावजूद नहीं ला पाए। जो नहीं ला पाए वो थीं उर्दू के जादुई अफ़सानानिगार नैय्यर मसूद की कहानियाँ। मैंने उनको अंग्रेज़ी में पढ़ा है पर मूल उर्दू में पढ़ना चाहता था। मगर इतने बड़े पुस्तक मेले में उन नैय्यर मसूद के लिए जगह नहीं थी, जो मेरी समझ से विनोद कुमार शुक्ल के साथ हिन्दुस्तान के सबसे बड़े साहित्यकार हैं। उर्दू की इस देश में क्या दशा है इस बात से साफ़ ज़ाहिर हो जाती है।
खैर.. सान्त्वना के तौर पर बोधि मेरे लिए दो किताबें ले कर आए..
Rubaiyat of Umar khayyam a facsimile of the manuscript (इस में उमर खय्याम के अपनी हस्तलिपि में लिखी पूरी किताब के चित्र दिये हैं.. अमूल्य पुस्तक है, बोधि को बहुत धन्यवाद) और फ़्योदोर दोस्तोयेवेस्की कृत दरिद्र नारायण / रजत रातें
पिछले दिनों जब रवीश कुमार और काकेश पुस्तक मेले से अपनी खरीदारी की सूची अपने ब्लॉग पर डाल रहे थे तो मैं भी मुम्बई की दुकानों में कुछ पैसे लुटा रहा था.. देखिये मैंने क्या-क्या खरीदा..
(डच लेखक )सेस नोटेबोम लिखित दो प्रेमियों का अजीब क़िस्सा (अनुवादक विष्णु खरे)
महान गुरु कन्फ़्यूशियस (एक परिचय)
प्लेटो की संवाद (सिर्फ़ तीन संवादों का अनुवाद)
फ़िरदौसी का शाहनामा (संक्षिप्त गद्य अनुवाद)
जेम्स डी वॉटसन कृत डबल हेलिक्स (डी एन ए संरचना की खोज का व्यक्तिगत वृत्तांत)
The Red Queen by Matt Ridley ( बेहद चर्चित पुस्तक ‘जेनोम’ के लेखक की पहली किताब)
The Immortal Cell by Michael D. West (on the mystery of human ageing)
Dubliners by James Joyce
The Mahabharata by Jean Claude Carriere (प्रसिद्ध स्क्रीनराइटर का किया हुआ महाभारत का स्क्रीन एडैप्टेशन)
The Geneaogy of Morals by Friedrich Nietzsche
इन के अलावा और जो किताबें जिनमें झाँक-झाँक के देख/पढ़ रहा हूँ वो ये हैं-
The Story of Philosophy by Will Durant
राहुल सांकृत्यायन लिखित दर्शन दिग्दर्शन
The Analects by Confucius
My Name Is Red by Orhan Pamuk
On the Suffering of the World by Arthur Schopenhauer
ज़िक्रे मीर
रति पुराण (पुराणों से उठाये गए रति प्रसंगो का एक संकलन)
मैं बिलकुल भी इन किताबों को पढ़ना नहीं चाहता पर क्या मजबूरी है.. पढ़ना पड़ रहा है क्योंकि इन सारे लेखकों को एक साथ भृत्य रखना सम्भव नहीं। रख सकता तो भरतलाल की तरह उनसे जीवन का ज्ञान-अनुभव लहाता रहता। पर क्या करें.. मुझे मालूम है वे राजी नहीं होंगे.. हो भी गए तो इतनी पगार माँग लेंगे कि मेरी हवा निकल जाएगी। और कुछ तो वैसे भी स्वर्ग/ नरक सिधार गए हैं। तो बस स्थानापन्न में अमूल्य जीवंत मनुष्य छोड़कर सौ-दो सौ रुपल्लियों की चीज़ों से काम चलाना पड़ रहा है।
12 टिप्पणियां:
बाबा रे बाबा । आजकल सबै एतनी लंबी लिश्ट दे रहे हैं किताबों की कि हम तो सकडि़याए जा रहे हैं ।
धन्यवाद जी.
उमर वाली किताब क्या फारसी में है?
मेरी मधुशाला तो आपने देखी ही होगी.इसलिये उमर से संबंधित हर किताब लगता है कि पढ़ पाऊं.
हाँ काकेश फ़ारसी में ही है..
एक लिस्ट मेरे पास भी है. हां, भरतलाल के नहीं होने का ग़म ज़रूर है..
भाई
मैं तो अपनी सूची भी नहीं छाप सकता....क्यों की 300 किताबों के नाम छापना मुश्किल है.......
और मुझे वो महाभारत वाली किताब दे दो या दर पता बता दो...
ले लो..
कमाल हो गया साहबान...सलाह की कद्र ही नहीं जमाने में...एक हम है जो हांक लगाए जा रहे हैं कि कपड़े छिपाओं, किताबें छिपाओ....और भाई लोग हैं कि नुमायां किये जा रहे हैं...
भाई साहब मेरी समझदानी में यह सब किताबें तो पता नई कब समाएंगी लेकिन अंतिम पैराग्राफ में भरतलाल वाली लाईन पढ़कर लगा कि चुटकी ले ही ली आपने!!
भाग्यवान हैं जो जब चाहे जो पुस्तकें खरीद सकते हैं । खैर हम भी जब पूना, दिल्ली जाते हैं तो कसर पूरी कर लेते हैं ।
घुघूती बासूती
हाथ कंगन [:-)] के अलावा - will durant की एक थोड़ी पतली किताब lessons of history भी है - मौका लगे तो उसे भी पढ़ें - story of philosophy से कम बोझिल है [ चेक करने के लिए - http://bensbookblog.blogspot.com/2005/12/lessons-of-history-by-will-durant.html देखें - मनीष
शुक्रिया मनीष.. किताब तो अच्छी लग रही है.. लहाता हूँ कहीं से..
गजब! क्या-क्या पढ़ रहे हो जी! :)
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