मेरी छोटी सी फ़िल्म को कोई मुम्बईया डिस्ट्रीब्यूटर किसी थियेटर, सिनेमा हॉल में तो रिलीज़ करने से रहा। अधिक से अधिक उसकी कि़स्मत छोटे-मोटे समूहों में प्रदर्शन की है- चाहे वे मंच किसी फ़िल्मोत्सव के हों या अन्य किसी संगठन के।
पिछले सालों में इस देश में डाक्यूमेन्टरी वितरित करने के लिए एक संस्था का विकास हुआ है जिसका नाम है अन्डर कन्स्ट्रक्शन जो मैजिक लैन्टर्न फ़ाउन्डेशन के तहत यह कार्य सम्पादित कर रही है। भारत के लगभग सभी स्वतंत्र डाक्यूमेन्टरी फ़िल्म मेकर्स की फ़िल्में अन्डर कन्सट्रक्शन ही वितरित कर रहे हैं, जिनमें मधुश्री दत्ता, पारोमिता वोहरा, अमर कँवर, पंकज बुटालिया, रीना मोहन, संजय काक, सुप्रियो सेन, अरुण खोपकर ओर्घ्यो बोसु, राजुला शाह जैसे नाम शामिल हैं। और विदेशों के भी तमाम ख्यातिलब्ध फ़िल्ममेकर्स की फ़िल्में उनके अधिकार में हैं।
अच्छी बात ये हुई है कि पहली बार उन्होने एक शॉर्ट फ़िक्शन का वितरण अपने हाथ में लिया है – मेरी फ़िल्म सरपत का।
वे सभी दोस्त जो मेरी फ़िल्म देखना चाहते हैं मगर मैं अभी तक उन तक पहुँचने में असमर्थ रहा हूँ, अब मैजिक लैन्टर्न के माध्यम से वे मेरी फ़िल्म की प्रति हासिल कर सकते हैं। यह सौदा एक आर्थिक प्रतिदान के बदले होगा। यूँ तो यह आर्थिक विनिमय मेरी तबियत के बहुत माकूल नहीं है - मैं अभी तक अपनी फ़िल्म की प्रतियाँ दोस्तो- परिचितों को मुफ़्त ही बाँटता आया हूँ- मगर एक फ़िल्ममेकर के अस्तित्व के लिए यह आदत बेजा है। उम्मीद है मित्रगण इस योगदान को लेकर एक अनुकूल राय रखेंगे क्योंकि इस धन राशि का एक हिस्सा मुझ तक आएगा और जो मुझे आगे इस तरह के स्वतंत्र काम करने के लिए हिम्मत बढ़ाएगा।
फ़िल्म मँगाने के लिए इस पते पर लिखें –
मैजिक लैन्टर्न फ़ाउन्डेशन
जे १८८१, चित्तरंजन पार्क, नई दिल्ली – ११००१९
फोन: +९१ ११ ४१६०५२३९, २६२७३२४४
ईमेल: underconstruction@magiclanternfoundation.org / magiclantern.foundation@gmail.com / magiclf@vsnl.com
वेब पेज: http://www.magiclanternfoundation.org
मूल्य:
भारत
व्यक्तिगत
वी सी डी: २५० रुपये
डी वी डी: ४०० रुपये
संस्थागत:
डी वी डी: ७०० रुपये
(४% वैट व डाक शुल्क अतिरिक्त)
अन्तर्राष्ट्रीय
व्यक्तिगत:
डी वी डी: २० य़ूएस डॉलर
संस्थागत:
डी वी डी: ३२० यू एस डॉलर
(डाक शुल्क अतिरिक्त)
मुम्बई के मित्रो के लिए एक अन्य सूचना यह भी है कि ९ सितम्बर, बुधवार को सरपत, कमला रहेजा इन्स्टीट्यूट ऑफ़ आर्कीटेक्चर, जुहु में दिखाई जा रही है। सुबह पौने ग्यारह बजे। यह संस्थान अपने विद्यार्थियों के लाभार्थ हर बुधवार को एनकाउन्टर नाम से एक लेक्चर सीरीज़ चलाते हैं उसी के तहत इस फ़िल्म का भी आयोजन है। फ़िल्म के बाद कुछ वार्तालाप की भी गुंज़ाईश होगी। जो मित्र आना चाहें स्वागत है। फ़िल्म की अवधि है अठारह मिनट।