निर्मल-आनन्द

सोमवार, 21 नवंबर 2011

ये रिक्षेवाले

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हुआ ये था कि बीच राह में टंकी का गला सूख गया और स्कूटर की आवाज़ बंद हो गई। किसी तरह धकेलकर शांति ने स्कूटर एक परिचित की इमारत में ...
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बुधवार, 16 नवंबर 2011

कांटा

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  सीढ़ी उतरते हुए पैर में पड़ी सैण्डल की उतरती बद्धी को चढ़ाने की मुश्किल कसरत को करते हुए शांति इमारत के नीचे से आती हुई उत्तेजित आ...
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मंगलवार, 15 नवंबर 2011

दबे पाँव

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शेरजंग की शानदार किताब ' मैं घुमक्कड़ वनों का ' पढ़ने के बाद उनकी दूसरी किताबों को पढ़ने की भूख लिए - लिए जब मैं मित्र बोधि ...
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निर्मल आनन्द की चाह में

अभय तिवारी
कानपुर की पैदाइश, इलाहाबाद और दिल्ली में शिक्षा। रोज़गार के लिए बरसों से मुम्बई में। सम्पर्क करें: abhaytri at gmail dot com
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