tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post8106532002705476645..comments2023-10-27T15:06:34.550+05:30Comments on निर्मल-आनन्द: समाचार कौन बनाता है.. ?अभय तिवारीhttp://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-13365249199897321312007-05-04T12:50:00.000+05:302007-05-04T12:50:00.000+05:30ये अक्षरश: सत्य है कि शिल्पा की ख़बर से ज़्यादा ज़...ये अक्षरश: सत्य है कि शिल्पा की ख़बर से ज़्यादा ज़रूरी मसले हैं बात करने के लिए। जिस दिन ये ख़बर दिखाई गई उस दिन भी दूसरी बेहतर ख़बरों की कमी नहीं थी। ये दुर्भाग्य है मीडिया के लिए। लेकिन रिचर्ड गियर की हरकत (और अगर वो अनजाने में हुआ तो इस पर चुप्पी साध लेना) और इस वाक़ये के बाद शिल्पा के बदलते बयानों के बारे में भी कुछ कहा जाना चाहिए। मैंने कहा था- यहां (http://kharikhoti.wordpress.com) पढ़ कर देंखे कहीं आप भी मुझसे इत्तेफ़ाक़ तो नहीं रखते।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/17582146888418258654noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-35367430438740160392007-05-03T19:52:00.000+05:302007-05-03T19:52:00.000+05:30मैं कोई कुलवक्ती यानि होलटाइमर पत्रकार नहीं हूँ भा...मैं कोई कुलवक्ती यानि होलटाइमर पत्रकार नहीं हूँ भाई इसीलिए आप द्वारा उठाए गए मुद्दे पर बोलने का अधिकारी मैं शायद नहीं हूँ । होना तो यह चाहिए था कि आप के मुद्दे पर रवीश अविनाश,बोधिसत्व या खबरिया चैनलों में काम कर रहे अन्य पत्रकार मित्र करते पर लगता है कि इन लोगों ने न बोलने का मन बना लिया है इसलिए मैं अपनी जैसी भी समझ है कुछ कह रहा हूँ ।<BR/><BR/>1- खबरें किनके खिलाफ नहीं चलतीं<BR/>अ- वे लोग जिनकी पकड़ कॉरपोरेट वर्ल्ड पर हो अक्सर खबरिया चैनलों के मध्यवर्गीय संपादक ऐसे लोगों के खिलाफ खबरें नहीं चलाते ।अगर चलाते भी हैं तो ऐसी भाषा में जिनमें आक्रामकता का नामोनिशान भी न हो। खबर चलने के दौरान कोई ना कोई फोन उस समय के ऑउट पुटएडीटर को गालियाँ दे रहा होता हैऔर ऑउट पुट एडीटर माफी मांग रहा होता है ।और खबर थोड़ी ही देर में लुढ़क जाती है।<BR/>ब- बड़े औद्योगिक घरानों के खिलाफ कोई भी खबर कभी नहीं चलती। जो खबर चलेगी वो खुश करने के लिए । बड़े औद्योगिक घरानों के मुखिया की उड़ान और देवालयों की परिक्रमा का प्रसारण कभी भी छोड़ा नहीं जा सकता ।रतन टाटा और सिंहानिया की उड़ान और रिलायंस के अनिल भाई धीरूभाई अंबानी की तीर्थयात्रा हो या पारिवारिक तकरार दोनो खबरो में सिर्फ अच्छी-अच्छी बातें की जाती हैं । तीर्थ यात्रियों और श्रद्धालु भक्तों को दर्शन में हुई देरी के लिए सिर्फ अमिताभ बच्चन को ही निशाना बनाया जाता है । जबकि अनिल भाई भी उस मंदिर में दर्शन के लिए अमिताभ परिवार के साथ गए होते हैं । लेकिन किसी चैनल के संपादक के बस में नहीं कि वह अनिल भाई के खिलाफ कुछ भी बोल सके। <BR/>स-अक्सर शुरु के दिनों में हर पत्रकार किसी ना किसी नेता की लटकन हुआ करता है । आप चाहें तो पता कर सकते हैं कि किस पत्रकार को किस नेता ने प्रमोट किया है । बड़े पदों पर पहुंच जाने के बाद भी संपादक को अपने प्रमोटर नेता को याद रखना पड़ता है ।<BR/>द-जिन दलों के पास पाले हुए गुंडे कार्यकर्ता हों उनके खिलाफ कोई भी चैनल कोई भी खबर नहीं दिखाता । आप उदाहरण ले सकते हैं शिवसेना प्राइवेट लिमिटेड के मालिक बाल ठाकरे का । उनके खिलाफ खबर दिखाने की हिम्मत कोई भी चैनल नहीं दिखाता । अभी तो स्टार को तोड़ कर रख देनेवाले धनन्जय देशाई पर भी कोई खबर नहीं चलनी है ।आप बताए कि धनन्जय के खिलाफ क्या किया पुलिस या खबरिया चैनलों ने ।<BR/>य- सूचना और प्रसारण मंत्री भी इसी तरह का एक डरावन शब्द और पद है खबरिया चैनलों के लिए।<BR/>इस मंत्री के खिलाफ तो छोड़ दीजिए उसके आस-फास मडराने वालों के भी खिलाफ कोई खबर नहीं चल सकती भाई ।<BR/>र-कुछ चैनलों के संपादकों का मानना है कि राजनीतिक खबरों को कौन देखता है। यानि खबर बड़ी हो या छोटी उसमें मनोरंजन का पुट होना ही चाहिए । तभी तो अमर सिंह की भड़ैती और लालू की लंठई हमेशा चलनेवाली खबरें होती है।<BR/>ल-एक राजनैतिक बयान पर चुम्मा-चाटी की खबर कफन बन कर छाएगी ही और राहुल बाबा को नाराज करने की ताकत किस संपादक में है...कल का प्रधान मंत्री है राहुल ।<BR/>ल-बाबाओं और संतों के खिलाफ भी चैनल अक्सर मौन रहते हैं । बोलते हैं तो पक्ष में । आप चाहें तो बाबा रामदेव और बृंदा कारात की भिड़त में चैनलों का चरित्र आंक सकते हैं । आखिर बृंदा कहां गलत थीं और बाबा रामदेव कहां सही था । तय है कि बाबा से कुछ मिल सकता था बृंदा से नहीं इस लिे लाइन तो फायदेवाली ही लेनी होगी । इसी तरह परमपूज्य आशाराम बापू के जमीन संबंधी खबर से चैनलों के भक्त पत्रकार कब उतर गए समझ नही आया। आशा राम बापू ने आश्रम की जमीन किसानों को सौपी या नहीं कौन पूछे । <BR/>तो भाई अभय<BR/>पत्रकार भी इंसान है और वह लोभी भी हो सकता है ।उसकी की भी तो त्रृष्णा होगी , सपने होंगे। आपकी प्रतिबद्धता के फेर में वो अपने भविष्य पर लात नहीं मार सकते । <BR/>एक बात और पर्दे पर दिख रहे पत्रकार की कोई हैसियत नहीं होती। ुनके कान में एक वायर लगा होता है जिसपर अपने कमरे में बैठा संपादक या उस समय का इंचार्ज अपने हिसाब से दिशा निर्देश देता रहता है। <BR/>यह सवाल प्रश्न के परे है कि चल रही बड़ी खबरे बनावटी होती हैं उन्हे सजा सवांर कर पेश करने के लिए कुछ सुंदर चेहरे और कुछ सुंदर शब्द होते हैं बसAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-14125402296956183042007-05-03T00:35:00.000+05:302007-05-03T00:35:00.000+05:30Abhay aap likhtee thoda bhari hain. Yadi hindi sar...Abhay aap likhtee thoda bhari hain. Yadi hindi saral ho to hi nirmal aanand aa sakta hain. Mujhee kuchh samay lageega aap ka blog padnee aur samajnee mein...<BR/><BR/>...phir miltee hain.sarikahttps://www.blogger.com/profile/03572605155429165992noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-1091307567859728242007-05-02T18:40:00.000+05:302007-05-02T18:40:00.000+05:30अभय भाई,आपकी बात सौ आने ठीक है...लेकिन, दो असहमतिय...अभय भाई,<BR/>आपकी बात सौ आने ठीक है...<BR/>लेकिन, दो असहमतियां भी हैं...<BR/>पहली,टीवी पर विजुअल की महिमा आप जानते हैं-लिहाजा राजकुमार पर शिल्पा भारी पड़ गईं।<BR/>दूसरी यह कि अपने गेयर ने पहली बार यह हरकत नहीं की। एक बार जनबा बिपाशा को भी लपेटने की कोशिश कर चुके हैं। विजुअल गवाह हैं। इसलिए सबको हमबिस्तर करने वाली बात भी थोड़ी ज्यादा है।<BR/>-पीयूषPiyushhttps://www.blogger.com/profile/07432495541442214838noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-23172930073441687692007-05-02T14:37:00.000+05:302007-05-02T14:37:00.000+05:30मंच संचालन के विषय में तो पता नहीं किन्तु जो लोग अ...मंच संचालन के विषय में तो पता नहीं किन्तु जो लोग अत्याचार,बलात्कार के विरूद्ध मुँह नहीं खोलते उन्हें शिल्पा जी के सम्मान की इतनी चिन्ता क्यों सताई समझ नहीं आता ।<BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.com