tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post4542729789825632558..comments2023-10-27T15:06:34.550+05:30Comments on निर्मल-आनन्द: ई रजा कासी हॅ !अभय तिवारीhttp://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-10956066816480479302009-09-25T00:56:00.805+05:302009-09-25T00:56:00.805+05:30पहली बार जब बनारस गई तो मैं भी चकित रह गई और वहाँ ...पहली बार जब बनारस गई तो मैं भी चकित रह गई और वहाँ के यातायात को देखकर लगा कि शायद यह भगवान के अस्तित्व को सिद्ध करने के लिए ही बना है। जो बात बनारस में है और कहीं नहीं मिल सकती। किंकर्तव्यविमूढ़ करते इस शहर का अपना ही आकर्षण है।<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-25035938493188666772009-09-11T13:06:14.778+05:302009-09-11T13:06:14.778+05:30सौम्य , सहज, सरल और मन प्रफुल्लित करने वाला लेख | ...सौम्य , सहज, सरल और मन प्रफुल्लित करने वाला लेख | मजा आ गया |योगेन्द्र सिंह शेखावतhttps://www.blogger.com/profile/02322475767154532539noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-23619426678363272642009-09-10T18:26:52.789+05:302009-09-10T18:26:52.789+05:30लाजवाब विवेचन.......सम्पूर्ण दृश्य नयनाभिराम हो उठ...लाजवाब विवेचन.......सम्पूर्ण दृश्य नयनाभिराम हो उठे...<br />बहुत सही कहा आपने...अनुशाशन को बनारस क्या पूरे बिहार यु पी में शान के खिलाफ घोर तौहीनी मानते हैं..रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-81112264303101804432009-09-10T17:54:35.112+05:302009-09-10T17:54:35.112+05:30"बनारस का जीवन एक बेतरतीबी के सौन्दर्य(!) से ..."बनारस का जीवन एक बेतरतीबी के सौन्दर्य(!) से आच्छादित है..."<br /><br />सहमत हूं।<br />99 में दस दिन रहना हुआ था बनारस में तब से ही इस शहर को अलमस्त कहता हूं।<br /><br />भा गई थी इस शहर की अलमस्तताSanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-50340981893596584482009-09-10T17:03:43.225+05:302009-09-10T17:03:43.225+05:30सोंदर्य वास्तु में नहीं अपनी नज़र में होता है ...दा...सोंदर्य वास्तु में नहीं अपनी नज़र में होता है ...दार्शनिकों ने कहा है ...सुना ही होगा ...आपने भी इस ट्रेफिक से भरे रास्ते में भी सोंदर्य तलाशा ये आपकी नज़र है ...वैसे वैरागी तो हम हैं ही ...कोई सड़क पर कहीं चले ...हमें क्या ...Renu goelhttps://www.blogger.com/profile/13517735056774877294noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-10137111073894672942009-09-10T15:02:50.466+05:302009-09-10T15:02:50.466+05:30अनूप शुक्ल जी वाली बात हमने भी सुनी है....अनूप शुक्ल जी वाली बात हमने भी सुनी है....अनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-65025867330741800112009-09-10T13:47:16.478+05:302009-09-10T13:47:16.478+05:30इसे आम भारतीय की पैदाशी सड़क अनुशासन संज्ञानता कह...इसे आम भारतीय की पैदाशी सड़क अनुशासन संज्ञानता कहते है जी ...पढ़े लिखे लोग इसमें भी वैराग्य ढूंढ लेते है ...एक ओर बात ....ये वैराग्य भारत में ही रहता हैडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-1175718851417710252009-09-10T10:35:45.839+05:302009-09-10T10:35:45.839+05:30बनारस की आत्मा का थोड़ा थोड़ा अंश पूरे हिन्दुस्तान...बनारस की आत्मा का थोड़ा थोड़ा अंश पूरे हिन्दुस्तान के हर गांव-कस्बे और नगर में मिल जाएगा।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-34317901905266090552009-09-10T08:57:19.470+05:302009-09-10T08:57:19.470+05:30बनारस एक अकथ गाथा है ! कभी कभी गूँगें का गुड माफिक...बनारस एक अकथ गाथा है ! कभी कभी गूँगें का गुड माफिक !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-86911090103684730532009-09-10T07:55:04.192+05:302009-09-10T07:55:04.192+05:30अनूप जी ने बहुत सही बात बताई .चरितार्थ
हो रही है...अनूप जी ने बहुत सही बात बताई .चरितार्थ <br /> हो रही है .. बनारस का अल्हड सौंदर्य मन को वहां बुलाता हैप्रज्ञा पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/03650185899194059577noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-68100336402772376172009-09-10T07:30:49.251+05:302009-09-10T07:30:49.251+05:30सुन्दर। सुना है बनारस के बारे में बीएचयू के कुलपति...सुन्दर। सुना है बनारस के बारे में बीएचयू के कुलपति कहा करते थे-""बनारस इज अ सिटी व्हिच हैव रिफ़्यूज्ड टु मार्डनाइज इट्सेल्फ़""। जो शहर खुद आधुनिक होना ठुकरा चुका है उसका क्या कहना?अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-60875093354798934802009-09-09T23:47:41.239+05:302009-09-09T23:47:41.239+05:30हर वाहन एक दुर्घटना की सम्भावना की तरह से सामने से...हर वाहन एक दुर्घटना की सम्भावना की तरह से सामने से आता और अगल बगल से, और जाने कितनी बार तो छू कर निकल जाता; हमारा बाल भी बांका न होता।<br /><br />यही तो है बनारस और भगवान विश्वनाथ का प्रताप:)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-91234454328642732332009-09-09T22:39:58.347+05:302009-09-09T22:39:58.347+05:30sarji, adhbhut hai...kuch dino baad aapki is diary...sarji, adhbhut hai...kuch dino baad aapki is diary ko apne blog par lagana chahunga...aapki anumati mil gyi to....Rangnath Singhhttps://www.blogger.com/profile/01610478806395347189noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-59732740872823467752009-09-09T22:28:20.387+05:302009-09-09T22:28:20.387+05:30"बनारस का जीवन एक बेतरतीबी के सौन्दर्य(!) से ..."बनारस का जीवन एक बेतरतीबी के सौन्दर्य(!) से आच्छादित है..."<br />हमें तो यही सब अनुभव आपके कानपुर शहर की बाबत भी सही जान पड़ रहा है।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-87851993256425227922009-09-09T22:19:31.927+05:302009-09-09T22:19:31.927+05:30सुन्दर चित्रण किया गया है,
दृश्य सजीव हो उठे हैं ...सुन्दर चित्रण किया गया है,<br /><br />दृश्य सजीव हो उठे हैं .विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.com