tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post3693786208614178815..comments2023-10-27T15:06:34.550+05:30Comments on निर्मल-आनन्द: सारे लेखक सलीम खान नहीं होते!अभय तिवारीhttp://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-89719772239120215682007-11-07T23:38:00.000+05:302007-11-07T23:38:00.000+05:30अभय जी, आज पहली बार आपके ब्लाग पर आना हुआ और बहुत...अभय जी, आज पहली बार आपके ब्लाग पर आना हुआ और बहुत अच्छा लगा आ कर। आपकी लेखन शैली काफी दिलचस्प है, बात को बहुत थोङे में मजेदार ढंग से कह दिया जाता है। हिंदी सिनेमा में एक बात बहुत कम से कम मुझे तो समझ नहीं आती कि एक तरफ तो फिल्मकार अच्छे लेखकों की कमी का रोना रोते हैं दूसरी ओर लेखकों की शिकायत है कि फिल्मकारों को अच्छे लेखन की कद्र नहीं हैं ..... ये माजरा क्या है?दीपा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/12130328147834660274noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-19136659424435360752007-11-07T17:16:00.000+05:302007-11-07T17:16:00.000+05:30काफी दिलचस्प है. विशेषकर :सही है.. कहावत भी है कि ...काफी दिलचस्प है. विशेषकर :<BR/>सही है.. कहावत भी है कि लक्ष्मी और सरस्वती साथ-साथ नहीं रहती।पुनीत ओमरhttps://www.blogger.com/profile/09917620686180796252noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-71322897934749706092007-11-06T22:29:00.000+05:302007-11-06T22:29:00.000+05:30बहुत ही बेबाक विश्लेषण किया है!बधाई\बहुत ही बेबाक विश्लेषण किया है!बधाई\परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-18553852535127220122007-11-06T22:25:00.000+05:302007-11-06T22:25:00.000+05:30कितना ही सावधान कर दोमजदूर बनने की मजबूरी कायम रहे...कितना ही सावधान कर दो<BR/>मजदूर बनने की मजबूरी कायम रहेगी<BR/>मजे के लिए कोई मजबूर नहीं होता<BR/>मजे से हर मजदूर दूर होता है<BR/>कितना ही भाजन कर लो<BR/>विभाजन कर लो<BR/>जन जन भा ...रत का मजदूर है<BR/>मजदूर ही रहेगा<BR/>सदा मजबूर ही सहेगा।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-10515384356108052682007-11-06T21:49:00.000+05:302007-11-06T21:49:00.000+05:30उत्तर प्रदेश में मायावती के नए समीकरण का आधार असल ...उत्तर प्रदेश में मायावती के नए समीकरण का आधार असल में यही है कि ज्यादातर ब्राह्मण अब दलितों की स्थिति को प्राप्त हो गए हैं। आकर्षक विश्लेषण है।अनिल रघुराजhttps://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-46742731291588757202007-11-06T20:02:00.000+05:302007-11-06T20:02:00.000+05:30aapka chitho ki grouping karna aur aapki sifarish ...aapka chitho ki grouping karna aur aapki sifarish ka tareeka dono pasand aaye.Tarunhttps://www.blogger.com/profile/00455857004125328718noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-14988680433756449442007-11-06T19:57:00.000+05:302007-11-06T19:57:00.000+05:30aapke mitra ne kamaal ka jaati vishleshan kiya hai...aapke mitra ne kamaal ka jaati vishleshan kiya hai, aur aapne ek achha vichar purn lekhAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-22101040616865848762007-11-06T19:53:00.000+05:302007-11-06T19:53:00.000+05:30दिलचस्प जाति विभाजन --बहुत दूर की बात कह गये आज तो...दिलचस्प जाति विभाजन --बहुत दूर की बात कह गये आज तो आप. सुन्दर विश्लेषण और सुन्दर निष्कर्ष, तथ्य विचारणीय है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-20077020959249014482007-11-06T18:19:00.000+05:302007-11-06T18:19:00.000+05:30आप लोगों का पक्ष आज के नज़रिये में तो ठीक ही है। जब...आप लोगों का पक्ष आज के नज़रिये में तो ठीक ही है। जब सभी जगह बौद्धिक सम्पदा पर अधिकार की बात हो तो लेखक क्यों पीछे रहें। कोई लेखक यदि जी. पी. एल. के तहत भी लेखन करे ;) तब भी उनके हितों की बात होनी ही चाहिये<BR/>। कथा-वस्तु और फिर संवाद ही तो आधार है किसी श्रेष्ठ चलचित्र के तब फिर लेखकों के हितों की अनदेखी क्यों? यह तो अवश्य है ही कि अपने हित / अधिकारों की बात करने के लिये कष्ट उठाना पड़ सकता है और साहस तो चाहिये ही किसी भी परम्परा का बंधन तोड़ने के लिये।Rajeev (राजीव)https://www.blogger.com/profile/04166822013817540220noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-2444364659107155192007-11-06T12:15:00.000+05:302007-11-06T12:15:00.000+05:30बहुत बढ़िया विश्लेषण किया है!बहुत बढ़िया विश्लेषण किया है!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-14512864524591872242007-11-06T09:45:00.000+05:302007-11-06T09:45:00.000+05:30हम भी किसी बड़े वैश्य के वहाँ मजदूर हैं पर मजबूर नह...हम भी किसी बड़े वैश्य के वहाँ मजदूर हैं पर मजबूर नहीं है.काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.com