tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post2468142621308044215..comments2023-10-27T15:06:34.550+05:30Comments on निर्मल-आनन्द: बिल्लू का बचपन ३अभय तिवारीhttp://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-81759250013636293102007-05-21T08:23:00.000+05:302007-05-21T08:23:00.000+05:30ha ha ha !! kya baat hai..,kya baat hai !!ha ha ha !! kya baat hai..,<BR/>kya baat hai !!Rising Rahulhttps://www.blogger.com/profile/12177287386975138385noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-90002591882363749292007-05-16T21:37:00.000+05:302007-05-16T21:37:00.000+05:30ठक्-ठक्! नाक्-नाक्! अंकिल जी, बिल्लू है? मेरा नाम...ठक्-ठक्! नाक्-नाक्! अंकिल जी, बिल्लू है? मेरा नाम टिल्लू है, मेरे को बोरिविली से बोधि अंकिल ने भेजा है, और मैं बिल्लू से दोस्ती करना चाहता हूं! आप अभी सो रहे हैं, ठीक है मैं बाद में आ जाऊंगा!<BR/>टिल्लू शर्माAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-82340219003425859542007-05-16T20:20:00.000+05:302007-05-16T20:20:00.000+05:30अभय जी आप बिल्लू विरोधियों की ओर ध्यान दिये बिना ब...अभय जी आप बिल्लू विरोधियों की ओर ध्यान दिये बिना बिल्लू को आगे बढ़ाएं। मेरा मेनना है कि हिंदी में बचपन और किशोरावस्था पर कुछ भी अच्छा और संतोषप्रद नहीं है। बिल्लू की कुर्बानी से कोई क्रंति नहीं होनी है। और ना ही बिल्लू के होने से कोई सामाजिक आंदोलन ठप पड़ने जा रहा है। बेहतर होगा कि बिल्लू विरोधी लोग बिना बिल्लू के अपनी सामाजिकता को अंजाम दे लें ।<BR/>प्रमोद भाई एक मध्यवर्गीय पिता की पीड़ा से उबरिये और बिल्लू को जीवन की राहों पर आगे बढते देखिए। बिना राजू से मिले बिल्लू जिंदगी के राज पथ पर एक अर्ध-बिल्लू की तरह हो कर रह जाएगा । यह शुद्धतावादी रुख क्यों प्रमोद जी और काकेश जी । मुझे लगता है बिल्लू नहीं आप लोग कुछ और देख-खोज रहे हैं । अगर गोर्की का मेरा बचपन आप सब ने पढ़ी हो तो वह प्रसंग याद होगा जहां गोर्की अपने बचपन में गाँव की लड़कियों के फ्राक को उन्ही के ऊपर सिर पर बाँध कर लुका-छिपी का खेल खेला करते थे और लड़कियाँ क्र के नीचे अनावरण खेला करती थीं।<BR/>इस लिए बिल्लू के जरिए अपनी नैतिकता को न लादिए<BR/>अविनाश भाई<BR/>बिल्लू से कैसा बैर<BR/>उसकी बलि देकर अरुंधती के एजेंडे में बहुत कुछ नहीं जोड़ा-घटाया जा सकता। अरुंधती का फंडा और तरीके से उठाया जा सकता था। अगर अभयने बिल्लू की बात नहीं भी चलाई होती तो भी अरुंधती की बात पर कोई असर नहीं पड़ना था । आपने बिल्लू को पीटने के चक्कर में निर्मल आनन्द की कला का गला न धोटने वाली बात को दर किनार कर दिया ऐसा क्यों है भाई । मुझे बताओगे तो अच्छा लगेगाबोधिसत्वhttps://www.blogger.com/profile/06738378219860270662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-13236367192984055432007-05-15T21:54:00.000+05:302007-05-15T21:54:00.000+05:30अरे भाई अच्छे खासे बिल्लू को काहे बिगाड़ रहे हैं..व...अरे भाई अच्छे खासे बिल्लू को काहे बिगाड़ रहे हैं..वो बेचारा तो पुल से ट्रेन पर भी नहीं थूकता था आप बेचारे को सिगरेट और लव यू के चक्कर में तो डाल ही दिये... अब कमर के नीचे क्या दिखवा रहे हैं.<BR/><BR/>देखिये एफ टी वी जब बैन हो गया तो कहीं इसे भी बैन ना कर दिया जाय :-) बच के रहियेगा.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-91503213372250825182007-05-15T20:41:00.000+05:302007-05-15T20:41:00.000+05:30ये बिल्लू राजू की दोस्ती अपने को रास नहीं आ रही....ये बिल्लू राजू की दोस्ती अपने को रास नहीं आ रही. आपको नहीं लगता ये राजू बिल्लू का क्रिया-कर्म करेगा? बिल्लू पर अच्छे प्रभाव पड़ते नहीं दिख रहे. क्या राजू की जगह रवि, सुशांत, अनिमेष जैसे बच्चों की संगत में आपने बिल्लू को डालने का कोई विचार किया? मैं भुक्तभोगी हूं. मेरे तीनों लड़के ऐसे ही राजुओं की संगत में कचड़ा होकर घर और मेरे माथे पर बैठे हैं! आपको आगाह कर रहा हूं. समय रहते चेत जाइए!<BR/>अप्रगतिशील सहयात्रीazdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-388390148418077822007-05-15T20:02:00.000+05:302007-05-15T20:02:00.000+05:30बिल्लू की कहानी में रस आ रहा है। तबीयत की बेवफाई ...बिल्लू की कहानी में रस आ रहा है। तबीयत की बेवफाई ने पिछले कुछ दिनों से इंटरनेट की दुनिया से दूर कर रखा था। अभी एक साथ बिल्लू कथा बांची। मजा आ रहा है। अब आगे.....?<BR/>मनीषाAnonymousnoreply@blogger.com