tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post8839536175547487928..comments2023-10-27T15:06:34.550+05:30Comments on निर्मल-आनन्द: सो भी एक उम्र में हुआ मालूमअभय तिवारीhttp://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-89960840890982895182008-04-19T12:37:00.000+05:302008-04-19T12:37:00.000+05:30हे ब्रेव मैन, अभया नन्द जी महाराज स्वस्थ्य रहिए ,म...हे ब्रेव मैन, अभया नन्द जी महाराज स्वस्थ्य रहिए ,मस्त रहिए ,हाँ दवाईयाँ खा कर जल्दी से जल्दी ठीक हो जाइए .......आभाhttps://www.blogger.com/profile/04091354126938228487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-13302367661718462842008-04-16T14:47:00.000+05:302008-04-16T14:47:00.000+05:30दादा,अनिल रघुराज जी ने आपको जो सलाह दी मान लेने जै...दादा,अनिल रघुराज जी ने आपको जो सलाह दी मान लेने जैसी है वरना ये तो फिर-फिर लौट आने वाले भाव हैं,सम्पर्क बनाए रखिये हम दोनो एक दूसरे की नब्ज देख कर इलाज के पत्थर फोड़ेंगे.....डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)https://www.blogger.com/profile/13368132639758320994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-83938806675061002512008-04-11T16:29:00.000+05:302008-04-11T16:29:00.000+05:30नयन बंद कर भीतर देखो, सुन्दर मूरत दिेख जायेगी,दृष्...नयन बंद कर भीतर देखो, सुन्दर मूरत दिेख जायेगी,<BR/>दृष्टि खोल कर बाहर देखो, सुन्दर मूरत मिल जायेगी - माँAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-10793427784108318402008-04-09T22:12:00.000+05:302008-04-09T22:12:00.000+05:30bhayi ye duniya vale nahin samjhenge....hamare man...bhayi ye duniya vale nahin samjhenge....hamare man ki bat.....jay ho...nirmalaanand ki ...main kal aap se har hal men mil raha hun....बोधिसत्वhttps://www.blogger.com/profile/06738378219860270662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-38396292788975863412008-04-09T16:35:00.000+05:302008-04-09T16:35:00.000+05:30कुछ ऐसा ही दौरा एक बार बोद्धिसत्व जी जो पड़ा था तब ...कुछ ऐसा ही दौरा एक बार बोद्धिसत्व जी जो पड़ा था तब आप की टिप्पणी कुछ अलग मूड की थी। कोई बात नहीं ऐसा एहसास हम सब को होता है सर्दी खांसी की तरह, जब तक रहता है बहुत परेशान करता है और कभी इसकी उम्र छोटी होती है तो कभी लंबीAnita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-84309456171578668042008-04-08T09:01:00.000+05:302008-04-08T09:01:00.000+05:30हम तो समझे थे कि निर्मल-आनंद प्राप्त करने और प्रदा...हम तो समझे थे कि निर्मल-आनंद प्राप्त करने और प्रदान करने के बाद अब कुछ रह नहीं जाता. लेकिन आश्वस्त हुए कि आप अभी बेचैन से हैं.इरफ़ानhttps://www.blogger.com/profile/10501038463249806391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-90413181362797159222008-04-08T02:46:00.000+05:302008-04-08T02:46:00.000+05:30अगर मैं कहूँ कि आपके सभी शब्द और उनके भाव मेरे ही ...अगर मैं कहूँ कि आपके सभी शब्द और उनके भाव मेरे ही हैं तो उम्मीद है आपको बुरा नहीं लगेगा...<BR/>ऐसा ही कुछ हम भी महसूस कर रहे हैं...मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-7365072771866106612008-04-07T23:10:00.000+05:302008-04-07T23:10:00.000+05:30देके दिल हम जो हो गए मजबूर, इसमें क्या इख्तियार है...देके दिल हम जो हो गए मजबूर, <BR/>इसमें क्या इख्तियार है अपना । <BR/>जिसको तुम आसमान कहते हो, <BR/>सौ दिलों का गुबार है अपना ।<BR/><BR/>हमारा मानना है कि ये मियादी बुखार है, अपने आप चला जाएगा।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-25468085628933813692008-04-07T21:16:00.000+05:302008-04-07T21:16:00.000+05:30शायद मौसम का दोष है या ज़माने का या ज़माने में अपन...शायद मौसम का दोष है या ज़माने का या ज़माने में अपनी अवस्थिति का। वैसे ऐसे अहसासों की एक निश्चित आवृत्ति भी होती है। छठे-छमासे घूमते-घांमते कहीं से आ ही जाते हैं।<BR/>इससे निकलने के तरीके के बारे में यही बात है कि वाइरल बुखार की दवा लेंगे तो एक हफ्ते में ठीक होगा, नहीं तो सात दिन मे :)अनिल रघुराजhttps://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-53861135864900892622008-04-07T21:13:00.000+05:302008-04-07T21:13:00.000+05:30वाकई एक से एक सुकुनदेय शेर हैं मगर जनाब ये माज़रा क...वाकई एक से एक सुकुनदेय शेर हैं मगर जनाब ये माज़रा क्या है?? थोड़ा कहीं पहाड़ों में तफरीह कर आयें ता हमारे बम्बई प्रवास में हमारे साथ एक शाम कुछ हमारी तरह बितायें...बाहर आ जायेंगे इस सोचिया दायरे से. <BR/><BR/>बस सुझाव मात्र है काहे से की आप पधार नहीं रहे न हमारे तक...इस चक्कर में.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-32520309496718057982008-04-07T21:03:00.000+05:302008-04-07T21:03:00.000+05:30हम समझते थे कि हमें है सब मालूम,पर जब मालूम हुआ तो...हम समझते थे कि हमें है सब मालूम,<BR/>पर जब मालूम हुआ तो ये जाना कि जाना कुछ नहीं...nadeemhttps://www.blogger.com/profile/02876217379889434662noreply@blogger.com