tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post7197669989954937756..comments2023-10-27T15:06:34.550+05:30Comments on निर्मल-आनन्द: ब्लॉगरोल की नई छटाअभय तिवारीhttp://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-27093935109799327632009-12-12T04:24:23.384+05:302009-12-12T04:24:23.384+05:30hm... nice text..hm... nice text..Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-51240139525277404452007-11-05T01:46:00.000+05:302007-11-05T01:46:00.000+05:30अच्छा लगा. शुक्रिया. हम भी चार घंटे लगायेंगे, आपको...अच्छा लगा. शुक्रिया. हम भी चार घंटे लगायेंगे, आपको देखकर अब मन ललचा रहा है.Reyaz-ul-haquehttps://www.blogger.com/profile/07203707222754599209noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-65313434295514997062007-11-01T22:11:00.000+05:302007-11-01T22:11:00.000+05:30कोई दिक्कत नहीं..कोई दिक्कत नहीं..अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-54373549535985701982007-11-01T21:52:00.000+05:302007-11-01T21:52:00.000+05:30भाई एक अनुरोध है मुझे मन की मौज वाले हिस्से में रख...भाई एक अनुरोध है मुझे मन की मौज वाले हिस्से में रख दें....अगर कोई दिक्कत न हो तो।बोधिसत्वhttps://www.blogger.com/profile/06738378219860270662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-8440343660419181692007-11-01T16:16:00.000+05:302007-11-01T16:16:00.000+05:30तुसी दिल खुश कर दित्ता अभयजी। सच्ची-मुच्ची। सचमुच ...तुसी दिल खुश कर दित्ता अभयजी। सच्ची-मुच्ची। <BR/>सचमुच छटा निराली है आपके ब्लागरोल की । आपको एक राज़ की बात बताता हूं। मेरे पीसी पर इंटरनेट एक्सप्लोरर पर ब्लागस्पाट की साइट्स नहीं दिखतीं, ये तो आप जानते ही हैं । जोजिला पर तो पहले से ही नहीं दिखतीं रहीं। मैने मग़जमारी करके उसका शुद्ध कबाड़ी हल ढूंढा। अब मोजिला पर जाकर गगलसर्च में निर्मल आनंद लिखता हूं। जैसे ही निर्मल आनंद कैचवर्ड वाली सामने आते हैं मैं कैश फार्मेट की मांग करता हूं क्योंकि डायरेक्ट साईट नहीं खुलती। कैश फार्मेट खुलने के बाद में चुपचाप अभयजी के ब्लागरोल में जाकर शब्दों का सफर पर क्लिक कर देता हूं - और लीजिए खुल गई मेरी साइट। लेकिन ज़रूरी नहीं कि इसी तरीके से रोज़ खुले। तब फिर विनय पत्रिका की शरण में जाता हूं। <BR/>इसी कड़ी में आज फिर निर्मल धाम पहुंचा और वहां सुंदर, सुघड़, सलोने ब्लागरोल का नज़ारा पाया। हमारी श्रीमतीजी को भी यह रूप बहुत भाया। <BR/>उनके मुंह से भी निकला वाह और उच्चारा-'बहुत मेहनत की गई है' सो आपने बता ही दिया है कि चार घंटे लगाए हैं आपने। अब कृपापू्र्वक अपना मोबाइल नंबर दे दीजिए ताकि बीच बीच में मौखिक ही बधाई दे दिया करें। अगर नहीं दिया तो बुरा लगने की आशंका है :)अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-8231875806407155652007-11-01T13:42:00.000+05:302007-11-01T13:42:00.000+05:30बहुत अच्छा!बहुत अच्छा!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-74773474168078209982007-11-01T10:35:00.000+05:302007-11-01T10:35:00.000+05:30्हम भी जल्द सागर जी से संपर्क कर इसे सीखेंगे्हम भी जल्द सागर जी से संपर्क कर इसे सीखेंगेAnita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-57971626934548200802007-11-01T10:09:00.000+05:302007-11-01T10:09:00.000+05:30अनिल भाई के कहने पर हमने भी शुरुआत की थी पर आधी ही...अनिल भाई के कहने पर हमने भी शुरुआत की थी पर आधी ही रही. चलिये जल्दी ही हम भी पूरा करते हैं अपना काम.काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-78267146974472939192007-11-01T09:50:00.000+05:302007-11-01T09:50:00.000+05:30आप तो एक मेहनत का काम निपटा कर खुश हुये । हम भी अप...आप तो एक मेहनत का काम निपटा कर खुश हुये । हम भी अपने को "शब्द धनी" में पाकर खुश हुये ।Pratyakshahttps://www.blogger.com/profile/10828701891865287201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-43545537075326528482007-11-01T09:31:00.000+05:302007-11-01T09:31:00.000+05:30ओहोहोहो!..ओहोहोहो!..azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-78510391010459198112007-11-01T09:06:00.000+05:302007-11-01T09:06:00.000+05:30आपने तो मेहनत करके शानदार काम कर दिया । हम इस मेहन...आपने तो मेहनत करके शानदार काम कर दिया । हम इस मेहनत को आज-- कल पर टाले जा रहे हैं । जल्दी ही हमें भी 'चार घंटे' खपाने होंगे । दिल ढूंढता है फिर वही फुरसत के चार घंटे ।Yunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-691633684522321742007-11-01T08:31:00.000+05:302007-11-01T08:31:00.000+05:30बढ़िया है औऱ मैं सजग हूं ये जानकर और अच्छा लगा।बढ़िया है औऱ मैं सजग हूं ये जानकर और अच्छा लगा।Batangadhttps://www.blogger.com/profile/08704724609304463345noreply@blogger.com