tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post6882442522392284478..comments2023-10-27T15:06:34.550+05:30Comments on निर्मल-आनन्द: कुछ छुट्टे शेरअभय तिवारीhttp://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-51479261330469793752007-09-03T16:35:00.000+05:302007-09-03T16:35:00.000+05:30अरे! शेर तो छुट्टे ही ठीक . पालतू शेर किस काम के ...अरे! शेर तो छुट्टे ही ठीक . पालतू शेर किस काम के . <BR/><BR/>शब्दों के पीछे की बेचैनी हम तक पहुंचती है .Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-65524037618274664512007-09-01T22:38:00.000+05:302007-09-01T22:38:00.000+05:30जे अच्छा है । दुनिया में शेर कम हो रहे हैं । अच्...जे अच्छा है । दुनिया में शेर कम हो रहे हैं । अच्छे शेर । <BR/><BR/>चलिये हम शेरों को बचाएं ।Yunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-58056456187935462962007-09-01T20:19:00.000+05:302007-09-01T20:19:00.000+05:30वाह अभय भाई ,आप लिखा करिये .. आप ये छोटे से शेर ल...वाह अभय भाई ,<BR/>आप लिखा करिये ..<BR/> आप ये छोटे से शेर लिखकर , <BR/>बहुत सी बातेँ कह जाते हैँ...<BR/>--लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-15851916630360746152007-09-01T19:42:00.000+05:302007-09-01T19:42:00.000+05:30हम ढ़ूँढ़ने गये थे कुछ छूटी हुई बस्तियाँफ़िर आ गये ये...हम ढ़ूँढ़ने गये थे कुछ छूटी हुई बस्तियाँ<BR/>फ़िर आ गये ये गम, ये खवाब बिखरा जाता हैaarseehttps://www.blogger.com/profile/13270855138365991859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-73919836409768740882007-09-01T18:50:00.000+05:302007-09-01T18:50:00.000+05:30कभी इसी टोन पर कुछ लिखा था-जोड़ बना लिजिये, छुट्टा ...कभी इसी टोन पर कुछ लिखा था-जोड़ बना लिजिये, छुट्टा यह है:<BR/><BR/><BR/>परछाई से अपनी, घबरा गया हूँ<BR/>लगे है कि घर से, दूर आ गया हूँ.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-85121542760395871742007-09-01T18:47:00.000+05:302007-09-01T18:47:00.000+05:30अरे जनाब शायर अभय साहेबछुट्टे काहे के. पूरी खरे खर...अरे जनाब शायर अभय साहेब<BR/><BR/>छुट्टे काहे के. पूरी खरे खरे नोट हैं.<BR/><BR/>वाह वाह!! जरा इन्हें गाकर पॉड कास्ट का भी इंतजाम करें. युनूस भाई मदद कर ही देंगे. :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-12567158388791319002007-09-01T16:45:00.000+05:302007-09-01T16:45:00.000+05:30neend kam hai, chain bhee kambakht hai! ...neend kam hai, chain bhee kambakht hai! <BR/>blog likhne ka munaasib waqt hai!!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-55855678310555691432007-09-01T16:30:00.000+05:302007-09-01T16:30:00.000+05:30आपने लोगों से मेरा और अपना घर का परिचय कराया। इस ब...आपने लोगों से मेरा और अपना घर का परिचय कराया। इस बात को लेकर मैं बहुत खुश हूँ और आपकी आभारी हूँ।<BR/>आपके पुराने शेर अच्छे हैं । लिखते रहे और हम पाठकों के लिए छापते रहें।आभाhttps://www.blogger.com/profile/04091354126938228487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-92168577749718071242007-09-01T14:43:00.000+05:302007-09-01T14:43:00.000+05:30आपके छुट्टे शेर अच्छे हैं। और आप के शेरों की नजर ...आपके छुट्टे शेर अच्छे हैं। और आप के शेरों की नजर करता हूँ अपना एक छुट्टा शेर, यानी मेरा अपना कहा है, इलाहाबाद के दिनों का एक दम मौलिक और अब तक अप्रकाशित -<BR/>मैं हूँ उजड़ा घर जहाँ रहने को न राजी कोई<BR/>हवाओं के दस्तक से दरवाजे हिला करते हैं।<BR/><BR/>अपना घर की आवाज अब लोगों तक पहुँचेगीबोधिसत्वhttps://www.blogger.com/profile/06738378219860270662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-18378011611901051952007-09-01T14:29:00.000+05:302007-09-01T14:29:00.000+05:30बहुत सुंदर। वाह....मुंबई की देन।बहुत सुंदर। वाह....मुंबई की देन।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-69013818655021129402007-09-01T14:09:00.000+05:302007-09-01T14:09:00.000+05:30आभा जी के बारे में जानकारी देने के लिए धन्यवाद। अप...आभा जी के बारे में जानकारी देने के लिए धन्यवाद। अपनी रचनाओं से भी मिलवाने के लिए धन्यवाद ।<BR/>मुझे यह विशेष पसन्द आया ...<BR/>छुटपन से जवानी तक, जिन्हे पोसा-पाला था।<BR/>आँसू नहीं ये सपने हैं, जलने का धुँआ आता है॥<BR/><BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-89778290317884103152007-09-01T13:32:00.000+05:302007-09-01T13:32:00.000+05:30अपना घर के उजाले सही हैं.. शेरों की अकुलाहट सही है...अपना घर के उजाले सही हैं.. शेरों की अकुलाहट सही है..azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-38182840469049160612007-09-01T11:28:00.000+05:302007-09-01T11:28:00.000+05:30वाह ! वाह ! वाह !वाह ! वाह ! वाह !Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-73701953506363144442007-09-01T10:59:00.000+05:302007-09-01T10:59:00.000+05:30वाह जी समीर भाइ सभंलो..ये अभय जी मीटर् लेकर आ रहे ...वाह जी समीर भाइ सभंलो..ये अभय जी मीटर् लेकर आ रहे है..:)और इसी तरन्नुम मे हम भी कुछ लाईने ठेल रहे है..:0Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-47107591007304099682007-09-01T10:58:00.000+05:302007-09-01T10:58:00.000+05:30इंसानों की बस्ती में शेरों को छुट्टा मत छोड़िए। बड...इंसानों की बस्ती में शेरों को छुट्टा मत छोड़िए। बड़ा खतरा है। अपना घर से परिचित कराने के लिए शुक्रिया।अनिल रघुराजhttps://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-8415156395731389932007-09-01T09:02:00.000+05:302007-09-01T09:02:00.000+05:30वाह वाहवाह वाहALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.com