tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post6861375276520909289..comments2023-10-27T15:06:34.550+05:30Comments on निर्मल-आनन्द: न्यायसंगत हिंसा?अभय तिवारीhttp://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-48403415018162870362007-11-15T01:11:00.000+05:302007-11-15T01:11:00.000+05:30sunane me ho sakta hai achha na lage, ye sirf shur...sunane me ho sakta hai achha na lage, ye sirf shuruat haiTarunhttps://www.blogger.com/profile/00455857004125328718noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-61837182880518078572007-11-14T22:48:00.000+05:302007-11-14T22:48:00.000+05:30अपनें राजनैतिक फायदे के लिए ये नेता कुछ भी कर सकते...अपनें राजनैतिक फायदे के लिए ये नेता कुछ भी कर सकते हैं...यह बात बार-बार सामनें आ चुकी है...इन्हें किसी के दुख-दर्द से कोई मतलब नही...यह बात आज कमोबेश सभी पार्टीयों पर लागू होती है।...परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-54554087847433491822007-11-14T22:31:00.000+05:302007-11-14T22:31:00.000+05:30पिछली कलकत्ता यात्रा में मैंने देखा कि एक ट्रैफ़िक ...पिछली कलकत्ता यात्रा में मैंने देखा कि एक ट्रैफ़िक पुलिस् वाले के साथ चार पार्टी वाले लगे थे। पार्टी का जलवा है। :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-13645331567853704922007-11-14T22:23:00.000+05:302007-11-14T22:23:00.000+05:30भूमंडलीकरण अपना पैर पसार रहा है। चाहे वामपंथी हों ...भूमंडलीकरण अपना पैर पसार रहा है। चाहे वामपंथी हों या दक्षिणपंथी सभी उस प्रक्रिया का चक्का चला रहे हैं। पूंजीवाद की विषेशता है तानाशाही , और तानाशाही कम्युनिस्टों को बहुत सुहाता है।Farid Khanhttps://www.blogger.com/profile/04571533183189792862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-46390267439252587862007-11-14T11:40:00.000+05:302007-11-14T11:40:00.000+05:30"और सीपीएम एक दल के तौर पर पुलिस से अधिक बल और साम..."और सीपीएम एक दल के तौर पर पुलिस से अधिक बल और सामर्थ्यवान है तो क्यों न पश्चिम बंगाल में राज्य व्यवस्था को भंग करके राज्य की पूरी बागडोर पार्टी के हाथों ही सौंप दी जाय।"<BR/><BR/> पार्टी हमेशा सरकार से ज्यादा पॉवरफुल से रही है. सरकार के छोटे से छोटे काम, जैसे ट्रैफिक नियंत्रण और बड़े से बड़े काम, जैसे पुलिस प्रशासन में भर्ती, पार्टी के कैडर ही करते आए है. <BR/><BR/>समूह बनाकर हिंसा करना इनके लिए कोई नई बात नहीं है. गाँवों में किसी निरीह महिला की जमीन दखल करना हो तो उसे डायन करार देकर उसे भीड़ से पिटवा देना बहुत पुरानी चाल है इस पार्टी की. हिंसा को सही ठहराने की जो महारत तथाकथित 'धार्मिक' संगठनों ने हासिल कर लिया है, उसमें भी ये लोग पीछे नहीं है. सालों पहले किए गए भूमि सुधार का बार-बार जिक्र कर के कुछ भी कर गुजरने का लाईसेंस हासिल कर लिया, इस सोच पर जीने वाले लोग हैं ये.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.com