tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post4314086460212578804..comments2023-10-27T15:06:34.550+05:30Comments on निर्मल-आनन्द: प्यार एक भूली हुई चिट्ठीअभय तिवारीhttp://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-61062904219938557142007-07-07T12:17:00.000+05:302007-07-07T12:17:00.000+05:30यहां ससुरी समूची ज़िन्दगी गों-गां हुई पड़ी है और...यहां ससुरी समूची ज़िन्दगी गों-गां हुई पड़ी है और आप घटा एक दिन गंवाने को रो रहे हैं? हिंदी साहित्य से ऐसे ही नहीं परेशानी होती रहती लोगों को..azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-18965493257130506022007-07-07T11:42:00.000+05:302007-07-07T11:42:00.000+05:30जनाब इस ड़ायरी को रोज़ खोल, कुछ चिपकाते रहिए. हम भी...जनाब इस ड़ायरी को रोज़ खोल, कुछ चिपकाते रहिए. हम भी कुछ रसपान कर लेंगे।Anonymousnoreply@blogger.com