tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post2906481328947184499..comments2023-10-27T15:06:34.550+05:30Comments on निर्मल-आनन्द: यू पी की लड़ाई में बाबा चँप गएअभय तिवारीhttp://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-10876742755755680902011-06-09T01:44:03.956+05:302011-06-09T01:44:03.956+05:30एकदम सही विश्लेषण, मुझे नहीं लगता की मैं इस लेख से...एकदम सही विश्लेषण, मुझे नहीं लगता की मैं इस लेख से इतर सोचता हूँ |<br /><br />रामदेव एक योगाचार्य हैं न की योगी | योगी होना बहुत गहरा अर्थ रखता है | दूसरा रामदेव का ये कहना कि अष्टांग योग सिखाने आये हैं तो सच्चाई तो ये है की आठ में से वो सिर्फ प्रथम दो ही सोपान बेचते रहे हैं- प्राणायाम और आसन | बाजारू अवधारणा भी इसे ही <b>योगा</b> के नाम से जानती है | धारणा-ध्यान-समाधि तो मुझे आज दूर-दूर तक कहीं दिखाई नहीं पड़ते | हिमालय प्रवास तप के बारे में कुछ कह नहीं सकता पर हिमालय में रहने मात्र से अगर बाबा जी बन जाते हैं तो सियाचिन पर जाने वाले सब सैनिक अब तक समाधि में चले गए होते (उल्टा बहुत से तो मर जाते हैं )|<br /><br />बाबा का यूँ डर कर अजीब कपड़ों में भागना ये दिखाता है कि उनमे नैतिक बल की कमी है | जबकि बहुत से अनैतिक नेता भी लाठी खाने में नहीं घबराते | भगत सिंह तो बम फोडकर भी गिरफ़्तारी देता है जबकि उसे पता है अंग्रेज उसे जिन्दा नहीं छोड़ने वाले | अगले दिन बाबा अजीब सा डायलोग मार रहे थे कि मैं मरने से नहीं डरता, बस ऐसे बर्बरता में नहीं मरना चाहता | बाबा जी क्रन्तिकारी का मरना भी कभी शांति से हुआ है क्या ? आपके बैनर पर लगे भगत सिंह को रात के अँधेरे में फांसी देकर, गुमनामी में कुल्हाड़ों से काटकर, तेल डालकर जला दिया गया था |<br /><br />और तो और अनैतिक और यौन व्यभिचारी <b>कहलाने</b> वाले ओशो में भी इतना नैतिक बल तो था कि वो अमरीकी खुफियों को पीठ दिखाकर नहीं भागे | उनको अत्यधिक मानसिक और जैविक यातनाएं भी दी गयी, जो उनकी मृत्यु का कारण बनी |<br /><br />चिकने पृष्ठ की पत्रिकाओं में बाबा और उनके सहयोगी बालकृष्ण के सर के पीछे दिखने वाला सहस्रार तेज़ का गोला लाठी चार्ज के अगले दिन ब्लैक होल के रूप में नज़र आ रहा था |<br /><br />रामदेव अन्ना की तुलना में कम निश्चय वाले हैं | अब वो बदले की आग ठंडी करने के लिए सेना तैयार करना चाहते हैं | <b>सच में तो रामदेव को खुद अभी ठीक-ठीक पता नहीं वे किस तरफ है, ये नहीं पता कि करना क्या है |</b><br /><br />पर फिर भी मैं विरोध की उठती लहर में उनका समर्थन कर देता हूँ कि चलो इतने सारे करोड़पतियों और अरबपतियों में किसी ने आवाज़ तो उठाई | लेकिन उन्हें आगे थोडा समझ-बूझकर कदम उठाना होगा |योगेन्द्र सिंह शेखावतhttps://www.blogger.com/profile/02322475767154532539noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-84034702576983213962011-06-07T19:45:53.743+05:302011-06-07T19:45:53.743+05:30देश विदेश की राजनीति से जुड़े आपके लेख हमेशा मुझे ...देश विदेश की राजनीति से जुड़े आपके लेख हमेशा मुझे प्रभावित करते रहे हैं...<br /><br /> "बाबा का असली योगदान तो यह हो सकता था कि वो व्यक्तियों के भीतर भ्रष्टाचार के अनैतिक बीज के विरुद्ध आध्यात्मिक जंग का ऐलान करे।" सौ फीसदी सहमत...हम भी यही मानते है...मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-90035892022913082412011-06-07T19:04:09.430+05:302011-06-07T19:04:09.430+05:30"जब वे ओसामा ‘जी’ के दफ़न-कफ़न के प्रति चिन्त..."जब वे ओसामा ‘जी’ के दफ़न-कफ़न के प्रति चिन्तित होते हैं तो उसके पीछे भी ही यही मंशा काम कर रही होती है।"<br /><br />मरहबा! यानि दिग्विजय के अनुसार देश के मुसलमान आतंकवादियों और इस्लामिक अतिवादियों से सहानुभूति रखते हैं. यह छवि है मुसलमानों की कांग्रेस के मन में? शायद मुस्लिम अभी इतने परिपक्व नहीं हुए हैं की वे आतंकवादियों और इस्लामिक कट्टरपंथियों के खिलाफ कुछ भी सुन सकें. <br /><br />पता नहीं कितना सही सोचते हैं वे?Varunnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-21101363824688099072011-06-07T18:16:56.430+05:302011-06-07T18:16:56.430+05:30राजकुमार के मोहक चेहरे से बहक सकने वाले दलितो को क...राजकुमार के मोहक चेहरे से बहक सकने वाले दलितो को <b>कनविन्स</b> (≈हक़ में) करने में लगे हैं कि वो उनके कितने हितचिंतक हैं।<br />-----<br />वो नहीं चाहतीं कि मुसलमान के बीच यह <b>इम्प्रेशन</b> (≈नज़ीर) जाय कि वो बाबा को बढ़ावा दे रही हैं।CITY भास्करhttp://www.bhaskar.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-89269894758007386262011-06-07T17:02:46.496+05:302011-06-07T17:02:46.496+05:30कांग्रेस में... दो लाइनें... हैं। एक लाइन... है......<i>कांग्रेस में... दो लाइनें... हैं। एक लाइन... है... जिसका मक़सद है देश में भूमण्डलीय प्रतिमानों पर पूँजीवाद का विकास करना।</i><br /><br />भूमंडलीय प्रतिमान?<br /><a href="http://www.bhaskar.com/article/ABH-mrinal-pander-article-1676343.html" rel="nofollow">—नहीं तो।</a>सोनूhttps://www.blogger.com/profile/15174056220932402176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-52670833249533118952011-06-07T15:28:01.422+05:302011-06-07T15:28:01.422+05:30ये दिलचस्प है कि कैसे कोई मुद्दा किसी संगठन को मलि...ये दिलचस्प है कि कैसे कोई मुद्दा किसी संगठन को मलिन करता है और फिर संगठन ही दूसरे मुद्दों को छू देने भर से मैला कर देता है। अब भ्रष्टाचार आर एस एस के छू देने से मैला हो चुका है।<br /><br />.............<br /><br />बाबा का तम्बू उखाड़कर कांग्रेस ने २०१२ के यूपी के चुनावों में मुसलमानों के वोट पर अपनी दावेदारी पेश की है और मायावती को सीधी चुनौती दी है। <br /><br />.........<br /><br />बीच-बीच में जनता आजिज़ आकर हल्ला मचाती है मगर वापस ढर्रे पर लौट जाती है क्योंकि हर आदमी जो दूसरे के भ्रष्टाचार से दुखी है अपने भ्रष्ट आचरण के साथ सुखी है। <br /><br />_________________<br /><br />बहुत ही सटीक और सारगर्भित विवेचना की है आपने......रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-6252151252414830462011-06-07T08:44:01.055+05:302011-06-07T08:44:01.055+05:30जबरजस्त राजनैतिक विश्लेषण।जबरजस्त राजनैतिक विश्लेषण।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-67557820561349231782011-06-07T08:20:27.519+05:302011-06-07T08:20:27.519+05:30अच्छा विश्लेषण मगर बाबा जो कर रहा है वही असला योग ...अच्छा विश्लेषण मगर बाबा जो कर रहा है वही असला योग है .....<br />योग केवल हाथ पैरों को हिलाने की हास्यास्पद भाव भंगिमा ही नहीं ....<br />योग है जन से युक्तता -कर्म से युक्तता -गीता भी यही कहती है -<br />योगः कर्मसु कौशलम !<br /> योगः कर्मसु कौशलम जो कर्म में कुशल व्यक्ति होता है वो उनको योग से सिद्ध हुआ है .Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com