tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post253818456693057565..comments2023-10-27T15:06:34.550+05:30Comments on निर्मल-आनन्द: पुलिस किस की रक्षा के लिए है?अभय तिवारीhttp://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-75054466443980522542008-11-04T06:02:00.000+05:302008-11-04T06:02:00.000+05:30बात अंततः वहीं आकर रुकती है कि क़ानून और व्यवस्था ...बात अंततः वहीं आकर रुकती है कि क़ानून और व्यवस्था प्राथमिकता पर क्यों नहीं है? जीवन का सम्मान करना हमें कौन सिखायेगा? गुंडे, हत्यारे और आतंकवादी भी अपराधी हैं और उन्हें सज़ा मिलनी ही चाहिए चाहे वे अपने अपराध को क्षेत्रवाद के नाम से वाजिब ठहराएं चाहे धर्म के नाम पर.<BR/><BR/> डा. अमर कुमार की बात से सहमत हूँ - मगर सवाल यह उठता है कि यह अंग्रेजी पुलिस हिन्दुस्तानी कब बनाई जायेगी?Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-61784531868554971392008-11-01T10:02:00.000+05:302008-11-01T10:02:00.000+05:30जय हो.. पंडित जी महाराज, ककहरा का पहला ’अक्षर' तो ...<I>जय हो.. पंडित जी महाराज, ककहरा का पहला ’अक्षर' तो यही है.. कि पुलिस भाई जिसका नमक खाती है, उसी की रक्षा के लिये है, अब चाहे वह तस्कर अपराधी हो या सत्ताधारी कउनोनाथ ?<BR/>इसमें ऎतना बमकने की का बात है ?</I>डा. अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-52030639001201854142008-10-31T15:35:00.000+05:302008-10-31T15:35:00.000+05:30मामला जटिल तो है मगर हम तटस्थ भी नही रह सकते .मुझे...मामला जटिल तो है मगर हम तटस्थ भी नही रह सकते .मुझे चिंता इस बात की है कि जल्दी ही कहीं मुम्बई में गैर मराठियों खासकर उत्तर भारतीयों के प्रति हिंसा की देशव्यापी प्रतिक्रया शुरू न हो जाय -और निरपराध बेक़सूर बिचारे मराठ्यों को भी चुन चुन कर निशाना न बनाया जाय -क्या तबतक मौजूदा सरकार कान में तेल डाल कर बैठी रहेगी -यह कांग्रेस तो उत्तर भारत से गयी -हो गया सूपड़ा साफ़ उसका !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-54437975362166076102008-10-30T13:13:00.000+05:302008-10-30T13:13:00.000+05:30"मन भीतर से बहुत क्षुब्ध है.. आप सब भी क्षुब्ध है ..."मन भीतर से बहुत क्षुब्ध है.. आप सब भी क्षुब्ध है मैं जानता हूँ.. पार आप में से तमाम मित्र ऐसे भी हैं जो कश्मीर में भीड़ पर गोली चलाने वाली पुलिस का समर्थन करते हैं, बाटला हाउस जैसे एनकाउन्टर को जाइज़ ठहराते हैं, निरीह किसानों के हित के लिए लड़ रहे नक्सलियों के क्रूर दमन की पैरवी करते हैं।"<BR/><BR/>जब भी किसी दूसरे वर्ग और समुदाय पर दमन होता है ..... हम में ऐसी ही प्रतिक्रिया होती है जैसा आपने लिखा है, क्योंकि हम उस वर्ग और समुदाय से नहीं होते हैं ..... ।<BR/> हम स्वयं को सुरक्षित भी महसूस करते हैं। <BR/><BR/>साध्वी की गिरफ़्तारी ऐसे ही सुरक्षित महसूस करने वालों को एक संकेत है कि अब उनकी बारी है।Farid Khanhttps://www.blogger.com/profile/04571533183189792862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-54189165373239496722008-10-30T01:30:00.000+05:302008-10-30T01:30:00.000+05:30जो भ्रूणावस्था में है वह बालक पैदा जरूर होगा। उस क...जो भ्रूणावस्था में है वह बालक पैदा जरूर होगा। उस की पैदाइश की तैयारी करें।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-80359512148666929912008-10-30T00:53:00.000+05:302008-10-30T00:53:00.000+05:30भाई स्थितियाँ वाकई खतरनाक रूप लेती जा रही हैं...भाई स्थितियाँ वाकई खतरनाक रूप लेती जा रही हैं...बोधिसत्वhttps://www.blogger.com/profile/09557000418276190534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-84031530562834495162008-10-29T23:06:00.000+05:302008-10-29T23:06:00.000+05:30बहुत सटीक लिखा है. करीब ४० साल पहले मुम्बई से कम्य...बहुत सटीक लिखा है. करीब ४० साल पहले मुम्बई से कम्युनिस्टो का सफाया करने के लिए कांग्रेस ने शिव सेना को पनाह दी और पनपने के लिए चारा पानी दिया. अब शिव सेना को ठंडा करने के लिए राज ठाकरे को आगे किया है. कांग्रेस इसा तमाशे में वोट बैंक पक्का करने के जुगाड़ में है. राज ठाकरे से मार खाए उत्तर भारतीय अब थोक के भाव कांग्रेस को वोट देंगे. वरना क्यों डेढ़ साल तक कांग्रेस सरकार राज ठाकरे का उत्पात तमाशबीन बनाकर देखा रही है. आपको ज्ञात होगा कि कुछ दिन पहले गोवा के कांग्रेसी मुख्यमंत्री ने भी उत्तर भारतीयों के खिलाफ जहर उगला था. इसी तरह महाराष्ट्र की कांग्रेस सरकार के शिक्षा मंत्री सुरेश शेट्टी, खुद मुख्या मंत्री विलासराव देशमुख और हाल ही में नारायण राने ने भी उत्तर भारतीयों के खिलाफ बोला था. कुल मिलाकर इसा शतरंज में निर्दोष लोग मार खा रहे हैं. कल राहुल राज को पुलिस ने मार दिया और सरकार बेशर्मी से बयान दे रही है वही आज एक और निर्दोष धर्मनारायण की जान चली गयी. बार-बार कर्णाटक और उडीसा में राष्ट्रपति शासन की मांग करने को उतारू हमारे मुलायम, पासवान और लालू भी चुप्पी साधे हुए हैं. जबकि कुछ हद तक इस आग को लगाने और यूपी बिहार का सत्यानाश करने में यहाँ भी जिम्मेदार हैं.Jitendra Davehttps://www.blogger.com/profile/04316093164602468349noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-60532087826056565452008-10-29T23:00:00.000+05:302008-10-29T23:00:00.000+05:30बड़ा जटिल मामला है।बड़ा जटिल मामला है।Anonymousnoreply@blogger.com