tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post2168111105115818492..comments2023-10-27T15:06:34.550+05:30Comments on निर्मल-आनन्द: पुलिस की धर्म-निरपेक्षताअभय तिवारीhttp://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-64707081335076416252008-11-26T20:46:00.000+05:302008-11-26T20:46:00.000+05:30मुझे तो लगता है कि हम धर्मनिरपेक्षता, सांप्रदायिकत...मुझे तो लगता है कि हम धर्मनिरपेक्षता, सांप्रदायिकता, क्षेत्रवाद आदि जैसे मुद्दों पर अंतहीन बहस कर अनजाने में भ्रष्ट राजनीतिज्ञों का प्रयोजन ही सिद्ध कर रहे हैं। हम इन मुद्दों पर बहस में इतने मशगूल हो जाते हैं कि भ्रष्टाचार जैसे अत्यंत जरूरी मुद्दे से हमारा ध्यान हट जाता है। जबकि भ्रष्टाचार ही सारी समस्याओं की जड़ है। कुछ दिन पहले कुछ ब्लॉगों में स्विस बैंकों में जमा पैसे की चर्चा हुई थी। मुद्दा तो वह होना चाहिए। कोई कहता है कि पुलिस हिन्दुओं के साथ बुरा बर्ताव कर रही है। कोई कहता कि पुलिस मुसलमानों के साथ बुरा बर्ताव करती है। मैं पूछता हूं पुलिस अच्छा व्यवहार किसके साथ करती है। थाने में जाने पर दिखता है कि वहां गाली के साथ बात शुरू ही होती है।Ashok Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/14682867703262882429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-27430657174189051362008-11-26T00:03:00.000+05:302008-11-26T00:03:00.000+05:30स्वाधीनता के ६१वर्षों बाद भी पुलिस का चाल चेहरा और...स्वाधीनता के ६१वर्षों बाद भी पुलिस का चाल चेहरा और चरित्र नहीं बदला है।ब्रिटिश हुकूमत की अच्छाइयाँ तो हमनें सीखी नहीं किन्तु बुराइयोँ से भी हम दामन नहीं छुडा पाये।सिविल पुलिस का चेहरा इतना अनसिविलाइज्ड़ है कि सोंच कर भी रोंगटे खड़े हो जातॆ हैं।दर अस्ल ये वर्दी वाले गुण्डे हैं।नार्को,ब्रेन मैपिंग,फोरेसिक आदि के साथ साथ थर्ड डिग्री के अमानवीय प्रताड़ना से ही सब सच उगलवाना ही ए०टी०एस०/सी०बी०आई० जैसी तथाकथित प्रोफेशनल जाँच एजेन्सीज को यदि आता है तो इतनी ट्रेनिंग आदि की जरूरत क्यों?सच तो यह है कि भारत की सभी जाँच एजन्सियाँ लुच्चे नेताओं की टेरर फौज बन कर रह गयीं हैं।<BR/><BR/>८० के दशक की बात है मार्ग्रेट थैचर ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थीं,१०डाउनिंग स्ट्रीट के अपनें आवास पर(जहाँ प्रत्यक्ष रूप से कोई सिक्योरिटी दिखाई नहीं पड़्ती)जैसे ही पहुँचती हैं,दरवाजा खुलता है वह अन्दर जाती हैं तभी गोली चलती है लेकिन तब तक वह अन्दर जा चुकी होती हैं,सुरक्षित,लेकिन आश्चर्यजनक ढ़ंग से पाँच मिनट के अन्दर हमलावर पकड़ लिये जाते हैं।वहाँ सुरक्षाकर्मी सिक्योरिटी के लिए होते हैं जबकि हमारे देश में सुरक्षाकर्मी जनता को टेरराइज करनें के लिए होते हैं इसीलिए नेता ५०-५० पुलिसवाले बावर्दी साथ लेकर घूमता है।सुमन्त मिश्र ‘कात्यायन’https://www.blogger.com/profile/14324507646856271888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-43659403795634182972008-11-25T23:11:00.000+05:302008-11-25T23:11:00.000+05:30मत भूलें हम कर रहे, दो कौमों की बात.एक की माँ है य...मत भूलें हम कर रहे, दो कौमों की बात.<BR/>एक की माँ है यह धरती,दूजा दूजी बात.<BR/>दूजा दूजी बात, देश को डायन कहता.<BR/>पाकिस्तान का सपना, हरदम मन में रखता.<BR/>कह साधक दोनों के अलग-अलग हों फ़ैसले.<BR/>भिन्न कौमों की बात चल रही, यह मत भूलें.Sadhak Ummedsingh Baid "Saadhak "https://www.blogger.com/profile/07864795175623338258noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-20418866781652767202008-11-25T18:46:00.000+05:302008-11-25T18:46:00.000+05:30कहीं आप उस वीडियो की तो बात नहीं कर रहे जिसका जिक्...कहीं आप <A HREF="http://anilpusadkar.blogspot.com/2008/11/blog-post_24.html" REL="nofollow">उस वीडियो</A> की तो बात नहीं कर रहे जिसका जिक्र <A HREF="http://anilpusadkar.blogspot.com/2008/11/blog-post_25.html" REL="nofollow">अनिल पुसदकरजी</A> ने अपनी पोस्ट में किया है, अगर उसी की बात कर रहे हैं तो यह आपकी उच्च वैचारिक क्षमता और गहन अनुभव का द्योतक है.ab inconvenientihttps://www.blogger.com/profile/16479285471274547360noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-18003378385983030712008-11-25T18:12:00.000+05:302008-11-25T18:12:00.000+05:30हिंदू भाइयों को इस तरह का अनुभव शायद पहली बार हो र...हिंदू भाइयों को इस तरह का अनुभव शायद पहली बार हो रहा है जब उन्हें लग रहा है कि हिंदू होने की वजह से यातनाएँ दी जा रही हैं, ऐसा भारत में मुसलमानों के साथ अक्सर होता रहता है, हैदराबाद मामले में तो कोर्ट ने माना है कि निर्दोष मुसलमानों को बहुत बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया, हर्जाना भी दिया जाएगा. जब यातना अपने समुदाय के ख़िलाफ़ हो तभी मुँह खोलना और दूसरे समुदाय के लोगों को यातना झेलने का सुपात्र समझना, यही रवैया रहा है दक्षिणपंथी हिंदू भाइयों का. पुलिस की बर्बरता तब भी दुखद थी, अब भी दुखद है. अच्छा लिखा है आपने.अनामदासhttps://www.blogger.com/profile/06852915599562928728noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-45105172744012249252008-11-25T18:00:00.000+05:302008-11-25T18:00:00.000+05:30मेरा मत है आतंकियों के साथ बिना धर्म देखे एक सा व्...मेरा मत है आतंकियों के साथ बिना धर्म देखे एक सा व्यवहार होना चाहिए, और पुलिस द्वारा भी एक सा व्यवहार होना चाहिए. मगर अमानविय व्यवहार किसी के साथ नहीं होना चाहिए. <BR/><BR/>"लेकिन क्या आप मुझे कुछ मुसलमानों के नाम बतायेंगे जिन्होंने इस पाशविक व्यवहार पर नाराजी जतायी?" <BR/><BR/>यह सवाल बहुत चोट पहुँचाता है. करवट बदलता रहता हूँ. <BR/><BR/>साध्वी प्रज्ञा केस पर अब शक होने लगा है. पुलिस की नियत साफ नहीं लगती.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-17970251195652971762008-11-25T17:10:00.000+05:302008-11-25T17:10:00.000+05:30हम आजादी के साठ सालों के बाद भी पुलिस का चरित्र नह...हम आजादी के साठ सालों के बाद भी पुलिस का चरित्र नहीं बदल पाए हैं। यह हमारे जनतंत्र के नकाब का असली चित्र है। हम केवल नाम के जनतंत्र में जी रहे हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-5704118167217735732008-11-25T15:38:00.000+05:302008-11-25T15:38:00.000+05:30भयावह !भयावह !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-37411226061251554012008-11-25T14:53:00.000+05:302008-11-25T14:53:00.000+05:30पुलिस का बुरा व्यवहार नया नही है जिन्हें आज प्रज्ञ...पुलिस का बुरा व्यवहार नया नही है <BR/>जिन्हें आज प्रज्ञा आदि के आरोपों से क्षोभ हो रहा है उन्हें कल औरों पर हुए अत्याचारों से भी क्षोभ होगा <BR/>न्याय तो यही कहता है <BR/>इन बातों को सामने लाने के लिए शुक्रियाroushanhttps://www.blogger.com/profile/18259460415716394368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-54624077857328406862008-11-25T13:57:00.000+05:302008-11-25T13:57:00.000+05:30पुलिस की धर्मनिरपेक्षता, राजनितिक दल और सरकार की ध...पुलिस की धर्मनिरपेक्षता, राजनितिक दल और सरकार की धर्मनिरपेक्षता एक ही हैं.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10037139497461799634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-33457129138100135352008-11-25T13:36:00.000+05:302008-11-25T13:36:00.000+05:30अनाम जी, आप के ऐतराज़ का मान रखते हुए 'आपराधिक' शब्...अनाम जी, <BR/>आप के ऐतराज़ का मान रखते हुए 'आपराधिक' शब्द को बदल कर 'साम्प्रदायिक' कर दिया है.. आशा है यह आप को निर्णयात्मक नहीं मालूम देगा।अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-30687948411211198312008-11-25T13:06:00.000+05:302008-11-25T13:06:00.000+05:30U may vist my blog www.voiceofkanpur.blogspot.com,...U may vist my blog www.voiceofkanpur.blogspot.com, for some evoluation of society.M C Sharmahttps://www.blogger.com/profile/15042343321455259662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-24069752192205738752008-11-25T13:03:00.000+05:302008-11-25T13:03:00.000+05:30I appreciate your step toward this anti-human acti...I appreciate your step toward this anti-human activity of police. Actually all these police person are out of control just coz of working for there present "akkaaz" (god father), what they wants to take out same they do these activities. I think this is the habit of POILICE, they took all the advantage of Degree third foutrh etc, but in very worst way. This they think is short-cut method of reaching upto truth.M C Sharmahttps://www.blogger.com/profile/15042343321455259662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-28021638306633894512008-11-25T13:02:00.000+05:302008-11-25T13:02:00.000+05:30पुलिस के तौर-तरीके कितने दिन तक ऐसे ही रहेंगे. जिन...पुलिस के तौर-तरीके कितने दिन तक ऐसे ही रहेंगे. जिन्हें गिरफ्तार किया जाता है वे इंसान हैं. और इंसानों के साथ इस तरह का व्यवहार तो राक्षस करते हैं. (या शायद वे भी ऐसा नहीं करते).<BR/><BR/>तथाकथित आर्थिक सुधारों में 'व्यस्त' सरकारों को और किसी क्षेत्र में सुधार की ज़रूरत नहीं महसूस हो रही है. और ये सोच लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक है. टीवी पर इस बात का ढिढोरा कितने दिन पीटा जायेगा कि हम दुनियाँ के सबसे बड़े लोकतान्त्रिक देश हैं? <BR/><BR/>बहुत शर्मनाक घटनाओं का जिक्र किया है आपने. हम इस बात से शर्मिंदा हैं कि हम उसी समय में जी रहे हैं, जिस समय में ये सबकुछ हो रहा है.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-33938337952340480492008-11-25T11:12:00.000+05:302008-11-25T11:12:00.000+05:30अभय भाई, अभिनव भारत के कौन से वीडियो की बात कर रहे...अभय भाई, <BR/>अभिनव भारत के कौन से वीडियो की बात कर रहे हैं? किस व्हीडियो को देखकर हर कोई समझ सकता है कि अभिनव भारत एक घोर अतिवादी संगठन है जो देश के अल्पसंख्यक समुदायों को अपने घोर शत्रु के रूप में चिन्हित करता है। और इस तरह की हिंसक साम्प्रदायिकता अमानवीय है, अधार्मिक है और अक्षम्य है....."<BR/>एक ओर तो आप अदालत की बात कर रहे हैं दूसरी ओर इन्हें "आपराधिक मानसिकता वाले अभियुक्त" के रूप में कह रहे हैं? कैसे आप खुद जज बन करके फैसला कर रहे हैं? हमें आपके इस तरह फैसला देने पर आपत्ति है. क्या आपका यह फैसला एकतरफा नहीं है?<BR/><BR/>देश को दुख तब भी होता है जब किसी मुसलमान के साथ एसा किया जाता है और तब भी जब किसी हिन्दू के साथ एसा किया जाता है. <BR/><BR/>मुसलमानों के साथ इस तरह नाजायज व्यवहार पर जिन हिन्दुओं ने इस पर विरोध प्रगट किया उनकी अनगिनत संख्या आप गिन नहीं पायेंगे. आप जिन इतिहासकार अमरेश मिश्र की बात कर रहे हैं वह भी हिन्दू होंगे और निश्व्चित रूप से आप भी हैं. <BR/><BR/>लेकिन क्या आप मुझे कुछ मुसलमानों के नाम बतायेंगे जिन्होंने इस पाशविक व्यवहार पर नाराजी जतायी? ज्यादा नहीं सिर्फ दस बीस ही चल जायेंगे. कोई बुद्धिजीवी न मिले तो भी कोई बात नहीं, गली मुहल्ले के नानबाई, घसियारे या किसी हम्माल तक ने विरोध नहीं किया, क्यों?<BR/><BR/>हिन्दू मानस तब भी अपारकष्ट में था जब मुसलमानों के साथ एसा अमानवीय घटनायें होती थीं और आज भी है, जब हिन्दुओं के साथ एसा होता है. उस समय विरोध करने वाले मुसलमानों से अधिक हिन्दू थे <BR/><BR/>कांग्रेसी सरकार सिर्फ मुसलमानों के वोट के लिये हिन्दू आतंकवाद का आतंक फैला रही है एसा करके यह देश का कितना नुकसान कर रही है आप समझ सकते है, बल्कि इस ब्लागजगत में तो सबसे अधिक आप ही समझ सकते हैं, मेरा एसा विश्वास है.Anonymousnoreply@blogger.com