tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post1726784089785762041..comments2023-10-27T15:06:34.550+05:30Comments on निर्मल-आनन्द: बस करुणाअभय तिवारीhttp://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-31977957433006927442007-06-10T20:03:00.000+05:302007-06-10T20:03:00.000+05:30c/ब्राहमणवादी/ब्राह्मणवादीc/ब्राहमणवादी/ब्राह्मणवादीआलोकhttps://www.blogger.com/profile/03688535050126301425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-56866018129936316122007-05-26T12:05:00.000+05:302007-05-26T12:05:00.000+05:30सत्यवचन अभय। करुणा के संबंध में आपने जो लिखा, उसस...सत्यवचन अभय। करुणा के संबंध में आपने जो लिखा, उससे मैं पूरी तरह सहमत हूं। सच है कि वास्तविक मानवीय गुणों (करुणा जिसका एक अभिन्न अंग है)के सामने वामपंथी-दक्षिणपंथी, रूढिवादी-प्रगतिवादी जैसे वर्गीकरण और परिभाषाएं बहुत बौनी जान पड़ती हैं। पहले मैं हर किसी को प्रगतिशीलता के चश्मे से देखती थी, पर अब नहीं। हालांकि प्रिज्म की तरह जीवन के यथार्थ को विभिन्न कोणों से देखा जाना चाहिए, बेशक धर्म के भी, लेकिन आपका बुनियादी प्रस्थान बिंदु, उससे किसी तरह की असहमति नहीं हो सकती।<BR/>मनीषाAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-60965711911710864312007-05-26T07:57:00.000+05:302007-05-26T07:57:00.000+05:30पंडिज्जी, आपको क्या हो रहा है, बिल्लू और गोलाइयों ...पंडिज्जी, आपको क्या हो रहा है, बिल्लू और गोलाइयों से दाल-भात में घुस जाते हैं। फिर घी का छौंक लगाकर कुछ बापू आसाराम की प्रवचनाईयों में घुस जाते हैं। प्लीज कुछ इंटरेस्टिंग सी घटिया बातें करें , अच्छी-अच्छी बातें तो हम श्रद्धा, आस्था चैनल पर सुन ही रहे हैं ना।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-12116866184424073892007-05-26T05:02:00.000+05:302007-05-26T05:02:00.000+05:30मन की बात कहे, स्वामीजी.. नमन करता हूं! मगर एक शं...मन की बात कहे, स्वामीजी.. नमन करता हूं! मगर एक शंका है.. हमारी आत्मा में धर्म की भक्ति नहीं, करुणा की गगरी रीती हुई है.. हम क्या करें?.. राह दिखायें, प्रभु!azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-22818165673305252382007-05-26T00:15:00.000+05:302007-05-26T00:15:00.000+05:30सत्य!!!सत्य!!!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3447425639729337005.post-1462270833792226652007-05-25T22:50:00.000+05:302007-05-25T22:50:00.000+05:30अगर आप धर्म की व्याख्या न करने लग जाएं,मसलन धर्म श...अगर आप धर्म की व्याख्या न करने लग जाएं,मसलन धर्म शब्द आज रूढि बन गया है, धर्म का अर्थ धारण करना है, वही सच्चा धर्म है जो आप्को मनुष्य बनाए,धर्म दरअस्ल अपने पवित्र और मानव कल्याणकारी गुणों के कारण जाना जाता है...आदि..आदि-------------, तो एक ही बात कहूंगा आइये धर्म को अपदस्थ करें.<BR/>आप ये तो बताइये कि सिंगूर या नन्दीग्राम में किसके मन में करुणा जगाने की आवश्यकता है?इरफ़ानhttps://www.blogger.com/profile/10501038463249806391noreply@blogger.com